गिरफ्तारी के कुछ ही घंटे बाद रिहा हुए हार्दिक पटेल, गुजरात में 24 घंटे के लिए इंटरनेट बैन

गिरफ्तारी के कुछ ही घंटे बाद रिहा हुए हार्दिक पटेल, गुजरात में 24 घंटे के लिए इंटरनेट बैन

अहमदाबाद:

गुजरात में निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने पर गिरफ्तार किए गए पटेल आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल को सूरत की अदालत ने कुछ ही घंटों बाद जमानत पर रिहा कर दिया। हार्दिक को शनिवार की सुबह सूरत में 'एकता यात्रा' निकालने की कोशिश करने पर हिरासत में ले लिया गया था।

पाटीदार समुदाय के इस 22 वर्षीय नेता ने गुजरात में आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन छेड़ रखा है। हालांकि हार्दिक के इस मार्च को नवसारी के कलेक्टर ने अनुमति नहीं दी थी। इस बार कोई अप्रिय घटना न हो इसके मद्देनज़र सूरत में सुरक्षा के भारी इंतज़ाम किए गए हैं। वहीं, अहमदाबाद और सूरत में 24 घंटे के लिए इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई है।

इससे पहले सूरत के पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने कहा, 'हमने हार्दिक पटेल को उनके 35 समर्थकों को आज उनकी रैली से पहले शहर के वरछा क्षेत्र में मंगध चौक से हिरासत में ले लिया।' अस्थाना ने कहा, 'उन्हें कानून व्यवस्था के हित में हिरासत में लिया गया, क्योंकि उन्होंने इस रैली में शामिल होने के लिए राज्य अधिकारियों से कोई अनुमति नहीं ली थी।' उन्होंने बताया कि हार्दिक और अन्य को हिरासत में लेने के बाद पुलिस मुख्यालय ले जाया गया।

इस पुलिस कार्रवाई की निंदा करते हुए हार्दिक पटेल ने कहा कि 'गुजरात सरकार हमारी आवाज को दबाना चाहती है। वे हमें प्रताड़ित करना चाहते हैं। गुजरात सरकार और पुलिस राज्य में हिंसा चाहती है। कार्रवाई लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है।' डांडी से अहमदाबाद तक रैली निकालने की अनुमति न मिलने के बाद हार्दिक ने एकता रैली के बारे में कल तक अपनी योजना गुप्त रखी थी।

पिछले दो हफ्तों में, हार्दिक ने दो बार 'उल्टा डांडी मार्च' निकालने की घोषणा की थी, लेकिन नवसारी जिला प्रशासन के अनुमति नहीं देने के कारण उन्होंने इसे रद्द कर दिया।

हार्दिक 25 अगस्त को हुई रैली में अपने आक्रामक भाषण और उसके बाद राज्य में हुई हिंसा के कारण सुखिर्यों में हैं। हिंसा में 10 लोग मारे गए थे।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

इससे पहले हार्दिक ने मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल से मुलाकात कर अपनी मांगे रखी थीं, जिनमें से एक ये भी थी कि एकता यात्रा को अनुमति दी जाए। अब इस अर्ज़ी के ख़ारिज होने से ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार हार्दिक पटेल के सामने झुकने को तैयार नहीं है। (इनपुट भाषा से भी)