गुजरात पुलिस के कॉन्स्टेबल ने बनाया ऐसा सॉफ्टवेयर जिससे मुजरिमों को पकड़ना हुआ आसान

गुजरात पुलिस के कॉन्स्टेबल ने बनाया ऐसा सॉफ्टवेयर जिससे मुजरिमों को पकड़ना हुआ आसान

अहमदाबाद क्राइम ब्रान्च में एक कॉन्स्टेबल दिलीप ठाकुर आजकल सुर्खियों में हैं। वजह है उन्होंने कई सारे सॉफ्टवेयर बनाये हैं जिसमें से दो सॉफ्टवेयर बहुत ही ज्यादा मददगार साबित हो रहे हैं और उनसे गुनाहों के भेद तक पहुंचने में सफलता मिल रही है।

दिलीप ठाकुर के ये दो सॉफ्टवेयर हैं पिनाक और एकलव्य। पिनाक सॉफ्टवेयर में गुनहगारों का डेटाबेस रहता है, जिससे पुलिस के पास पता रहता है कि कौन सा गुनहगार किस तरह के गुनाहों में आमतौर पर शामिल रहता है।

दिलीप कहते हैं कि गुनहगारों की मोडस ओपरेन्डी ऐसी रहती है कि वो रहते कहीं हैं और उनके गुनाहों का इलाका कहीं और होता है। अकेले अहमदाबाद में ही 30 से ज्यादा पुलिस स्टेशन हैं औऱ हर थाने में गुनहगारों का मेनुअल रि‍कॉर्ड रहता था। ऐसे में एक बार एक गुनाह में छूटने के बाद कई गुनहगार दूसरे इलाकों में वारदातों को अंजाम देते हैं जहां उनका पुराना रिकॉर्ड नहीं रहता। ऐसे में इस नए सॉफ्टवेयर ने पूरे पुलिस डिपार्टमेंट को फायदा पहुंचाया है।

दूसरा सॉफ्टवेयर है एकलव्य। एकलव्य में शहर में सभी वाहनों का डेटाबेस रहता है। जब भी कभी कोई वाहन चोरी हो जाता है तब इस सॉफ्टवेयर के जरिये तुरंत पता लगाया जा सकता है कि ये वाहन किसके नाम पर था। इस सॉफ्टवेयर के जरीये पिछले एक साल में अहमदाबाद में ही करीब 700 चोरी हुए वाहन उनके मालिकों तक वापस पहुंचाये जा चुके हैं।

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इन सॉफ्टवेयर की चर्चा राष्ट्रीय स्तर पर होने लगी है। कुछ समय पहले हैदराबाद की राष्ट्रीय पुलिस एकेडमी में भी इन सॉफ्टवेयर की तारीफ हुई थी। अब तैयारी चल रही है कि गुजरात में सफल रहे इन सॉफ्टवेयरों को राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया जा सके।