शिवसेना ने उठाया गुजरात मॉडल पर सवाल, बोली- आरक्षण विवाद से गुजरात का असल चेहरा उजागर

शिवसेना ने उठाया गुजरात मॉडल पर सवाल, बोली- आरक्षण विवाद से गुजरात का असल चेहरा उजागर

हार्दिक पटेल (फाइल फोटो)

मुंबई:

गुजरात में आनंदीबेन पटेल की अगुवाई वाली बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए महाराष्ट्र और केंद्र में बीजेपी की सहयोगी शिवसेना ने कहा कि आरक्षण के लिए पटेल समुदाय का आंदोलन दिखाता है कि मुख्यमंत्री के विकास के दावे खोखले हैं।
 
शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' में लिखा है, 'हार्दिक पटेल ने जब से चेतावनी दी है कि अगर पटेलों की मांग पूरी नहीं हुई तो 2017 के चुनाव में गुजरात में कमल नहीं खिलेगा, तब से गुजरात की राजनीति में एक उथल पुथल मची हुई है। नरेंद्र मोदी को भीड़ खींचने वाला नेता कहा जाता है। लेकिन आज हार्दिक भीड़ का राजा बन गया है।'
 
शिवसेना ने लिखा, 'सवाल यह है कि उनकी मांगें कितनी जायज हैं। गुजरात में पटेलों का दर्जा महाराष्ट्र में मराठाओं की तरह है। खेती, उद्योग, सहकारिता क्षेत्र, बैंकों और राजनीति में भी मराठाओं का प्रभुत्व है। इसके बावजूद मराठा भी ओबीसी के तहत आरक्षण चाहते हैं।'
 
सामना के संपादकीय में लिखा गया है कि पटेल समुदाय आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक रूप से मजबूत है और गुजरात से बाहर रह रहे राज्य के अधिकतर लोग इस समुदाय से हैं।
 
शिवसेना के अनुसार, 'वे निर्माण, हीरा व्यापार और अन्य कारोबारों में मजबूत हैं। इन सबके बावजूद वे आरक्षण की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे हैं। यह केवल दिखाता है कि गुजरात में विकास के दावे झूठे हैं और वहां लोग खुश नहीं हैं।'
 
इस संपादकीय में कहा गया है, 'आनंदीबेन पटेल शेखी बघारती हैं कि उनका राज्य अधिक शांतिपूर्ण, स्थिर और अनुशासित है, इसलिए मुंबई के उद्योगपतियों को वहां जाना चाहिए। हार्दिक जैसे नवयुवक ने दिखा दिया है कि उनकी (मुख्यमंत्री की) बात का कोई आधार नहीं है। गुजरात का असली चेहरा सामने आ गया है और यह चेहरा बदलने की जरूरत है।'


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