गो कशी रोकने के लिए खट्टर सरकार का नया कानून विधानसभा में पारित

मनोहर लाल खट्टर की फाइल फोटो

चंडीगढ़:

गो कशी रोकने के लिए हरियाणा की बीजेपी सरकार का कानून विधानसभा में पारित हो गया है। नए कानून में गो हत्या के लिए 10 साल तक की सजा होगी, पुराने कानून में ये सजा 5 साल तक ही थी।

हरियाणा में देसी नस्ल की गाय को बचाने और गाय पालन को बढ़ावा देने के मक़सद से बनाया गया गौ वंश संरक्षण और संवर्द्धन बिल बिना किसी विरोध के सदन में पारित हो गया। नए कानून में सजा के कड़े प्रावधान किये गए हैं। लेकिन कयासों के उलट नए कानून में गो कशी के लिए सजा ए मौत का कोई प्रावधान नहीं है।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बिल पास होने के बाद कहा कि गो कशी रोकने के लिए पहले भी कानून था लेकिन हमने नए को और बेहतर बनाया है। इससे गौ संरक्षण और संवर्धन दोनों होगा। नए कानून के तहत प्रदेश में ऐसी लैब बनाई जाएंगी जिनमें गौ मांस और बाकी जानवरों के मीट की जांच की जा सकेगी। विवाद की स्थिति में लैब की रिपोर्ट कोर्ट में पेश की जा सकेगी। गाय के लिए अभ्यारण्य बनाने का भी प्रावधान किया गया है।

सरकार की नज़र दूध उत्पादन बढ़ाने की भी है। पशु पालन मंत्री ओम प्रकाश धनकड़ ने कहा कि जो लोग छोटी डेरी लगाएंगे उन्हें सरकार 50 परसेंट की सब्सिडी देगी। ऐसे ही बड़ी डेरी के लिए भी 25 फ़ीसदी सब्सिडी दी जाएगी।

हालांकि बिल का विपक्षी दलों ने कोई विरोध नहीं किया लेकिन कुछ खामियों की तरफ सरकार का ध्यान ज़रूर खींचा। इंडियन नेशनल लोकदल के विधायक ज़ाकिर हुसैन ने बिल पर बहस में दो संशोधन सुझाए।

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उन्होंने बताया कि ट्रांसपोर्ट का जो प्रावधान रखा गया है उसमें राज्य के भीतर के लिए कानून होना चाहिए ताकि कोई जो वैध तरीके से काम रहे हैं। उन्हें कोई तंग न करे, इसके अलावा अगर कोई अधिकारी भी इस मामले में लिप्त पाया गया तो उसके खिलाफ भी सजा का प्रावधान होना चाहिए।