मैसूर राजघराने ने अपने उत्तराधिकारी की घोषणा की

बेंगलुरु:

यदुवीर गोपाल राज उर्स मैसूर के वडियार राजघराने के वारिस बनाए गए हैं। 22 साल के यदुवीर के उत्तराधिकारी होने की घोषणा रानी प्रमोदा देवी वाडियार ने मैसूर के अम्बा विलास पैलेस में की।

23 फरवरी को राजघराने के रीति-रिवाजों के तहत उनका अभिषेक किया जाएगा और इसके बाद वो यदुवीर कृष्णदात्ता चामराजा वाडियार कहलाएंगे। ये एक निजी समारोह होगा जिसमें राजपरिवार के सदस्यों के साथ-साथ पुरोहित और महल से जुड़े कुछ कर्मचारी ही शरीक होंगे।

शाम को मैसूर में एक शाही जुलूस निकालने की राज परिवार की योजना है। यानी इस साल मैसूर दशहरा की अगुवाई यदुवीर करेंगे और साथ-साथ कर्नाटक सरकार के साथ लंबे समय से चल रहे राजपरिवार की संपत्ति विवाद की कानूनी लड़ाई भी उनकी ही देख रेख में होगी।

यदुवीर मैसूर राजघराने के दिवंगत वारिस श्रीकांतादत्ता नरसिम्हा राजा वाडियार की बड़ी बहन गायत्री देवी के पोते हैं।

श्रीकांतादत्ता नरसिम्हा राजा वाडियार और रानी गायत्री देवी को संतान नहीं हुई। कहते हैं कि इस राज घराने को ये श्राप है कि राजा को संतान नहीं होगी और कम से कम पिछले दो शताब्दियों से ऐसा ही होता आया है।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

श्रीकांतादत्ता नरसिम्हा राजा वाडियार का दिल का दौरा पड़ने से 60 साल की उम्र में 10 दिसंबर 1913 को बेंगलुरु में निधन हुआ था। और तभी से उनके उत्तराधिकारी को लेकर विवाद उठ खड़ा हुआ था।