यह ख़बर 02 अप्रैल, 2011 को प्रकाशित हुई थी

'हिंदी में आदेश दें जज साहब, मैं समझा नहीं'

खास बातें

  • जज ने अपने रीडर से अंग्रेजी में लिखे हस्तलिखित आदेश को हिंदी में अनुवाद करने का आदेश दिया। हालांकि रीडर ने कहा कि वह लिखावट को समझने में असमर्थ है।
गाजियाबाद:

सीबीआई अदालत के विशेष न्यायाधीश ने शुक्रवार को एक स्थानीय वकील की याचिका पर विचार करते हुए 6.58 करोड़ रुपए के भविष्य निधि घोटाले में अपने रीडर से अंग्रेजी में लिखे हस्तलिखित आदेश को हिंदी में अनुवाद करने का आदेश दिया। हालांकि इस रीडर ने कहा कि वह न्यायमूर्ति ए के सिंह की लिखावट को समझने में असमर्थ है। गुरुवार को वकील संजय त्यागी ने न्यायाधीश से आवेदन किया कि वह अंग्रेजी के बजाय हिंदी में आदेश दें ताकि वह आदेश समझ सकें। उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश मार्कंडे काटजू का उल्लेख करते हुए त्यागी ने कहा कि न्यायाधीश को वादी और वकील के लिये निश्चित रूप से दयालु और मददगार होना चाहिए। इसके बाद उन्होंने आज एक और आवेदन दिया जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया। इस आदेश में सिंह ने भविष्य निधि घोटाले में आरोपी सभी छह पूर्व न्यायाधीशों को जमानत दे दी थी।


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