यह ख़बर 07 दिसंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

गृहमंत्रालय ने बीएसएफ को भारत-पाक सीमा पर चौकसी बढ़ाने का दिया निर्देश

गृहमंत्री राजनाथ सिंह की फाइल तस्वीर

नई दिल्ली:

गृहमंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ के लिए आतंकवादियों द्वारा बार बार किए जाने वाले प्रयासों के आलोक में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को चौकसी बढ़ाने का निर्देश दिया है।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पिछले दो महीने में पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठनों ने देश में घुसपैठ के कई प्रयास किए हैं जिनमें से कुछ सफल भी रहे हैं। आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर में चल रहे विधानसभा चुनाव में व्यवधान डालने के इरादे से घुसपैठ के ये प्रयास किए हैं।

सूत्रों ने बताया कि जम्मू क्षेत्र में भारत-पाक सीमा के समीप अरनिया सेक्टर में 28 नवंबर को हुई मुठभेड़ और शुक्रवार को राज्य में चार स्थानों पर हुए हमले सीमापार से घुसपैठ के ही परिणाम हैं। अरनिया सेक्टर में 28 नवंबर को मुठभेड़ में तीन सैन्यकर्मियों समेत 12 लोग मारे गए थे जबकि शुक्रवार को 11 सुरक्षाकर्मियों समेत 21 लोगों की जान चली गई।

सूत्र ने कहा, ‘‘बीएसएफ को चौकन्ना कर दिया गया है और उसे घुसपैठ के किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए सीमा पर चौकसी बढ़ाने को कहा गया है।’’

गृहमंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक अक्तूबर तक घुसपैठ की 130 से अधिक कोशिशें हुईं और उनमें से करीब 45 तीन महीने में हुईं। पिछले साल भारत पाकिस्तान सीमा पर 354 बार घुसपैठ हुई थी जिनके दौरान 56 आतंकवादी मारे गए थे और 145 अन्य गिरफ्तार किए गए थे। वर्ष 2012 में घुसपैठ की 332 घटनाएं हुईं जिनमें 30 आतंकवादी मारे गए जबकि 123 पकड़े गए।

इसी तरह वर्ष 2011 में आतंकवादियों ने 317 बार घुसपैठ की तथा उन दौरान सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ 50 आतंकवादी मारे गए एवं 86 गिरफ्तार किए गए।

इस साल 25 नवंबर तक नियंत्रण रेखा एवं अंतरराष्ट्रीय सीमा पर संघर्ष विराम उल्लंघन की 545 घटनाएं हुईं। उनमें से 395 अंतरराष्ट्रीय सीमा पर और 150 नियंत्रण रेखा पर हुईं।

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पिछले साल नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम की 199 और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 148 ऐसी घटनाएं हुईं थीं।