यह ख़बर 26 अक्टूबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

'आधार' पर अपने रुख से पलटा गृह मंत्रालय, पूर्ण समर्थन की बात कही

नई दिल्ली:

अपने पहले के रुख से पलटते हुए गृह मंत्रालय ने आधार योजना का पूर्ण समर्थन करते हुए कहा कि यह 'कभी भी, कहीं भी, किसी भी' तरह इसके लाभार्थियों को इसके प्रमाणन में मदद करेगी।

सभी राज्य सरकारों को लिखे पत्र में गृह मंत्रालय ने कहा कि एक आधार संख्या केवल एक व्यक्ति को आवंटित की जाती है, इससे एक पहचान की सार्वभौम पुष्टि करने में मदद मिलेगी। आधार कार्ड वंचित और जरूरतमंद लोगों को बैंकिंग सुविधा जैसी सेवाओं तक पहुंच बनाने में मदद करता है।

इसमें कहा गया है कि, चूंकि 'आधार' व्यक्ति की भौगोलिक और बायोमेट्रिक सूचना पर आधारित है, इससे धोखाधड़ी और फर्जी गतिविधियों को समाप्त करने में मदद मिलेगी। पत्र के अनुसार, 'आधार' सार्वभौम पहचान प्रदान करेगा। यह कभी भी, कहीं भी और किसी भी तरह इसके लाभार्थियों की पहचान की प्रमाणिकता की पुष्टि का एक स्रोत प्रदान करेगा।

गृह मंत्रालय का ताजा रुख पहले के रुख से पूरी तरह से विपरीत है, जो राजनाथ सिंह के दो पूर्ववर्ती सुशील कुमार शिंदे और पी चिदंबरम के समय व्यक्त किए गए थे।

पूर्ववर्ती यूपीए सरकार के समय गृह मंत्रालय ने भारतीय विशिष्ठ पहचान संख्या (यूआईडीएआई) के आंकड़ों की विश्वसनीयता पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा था कि पहचान की विशिष्ठता किसी की पहचान की प्रामाणिकता या दूसरे आधार संख्या की प्रमाणिकता सुनिश्चित करने के लिए जरूरी शर्त नहीं है। उस समय मंत्रालय ने आधार संख्या प्राप्त करने के लिए लोगों की ओर से पेश किए गए पहचान और पते का प्रमाण संबंधी दस्तावेज पर सवाल खड़ा किया था।

राज्य सरकारों को लिखे ताजा पत्र में गृह मंत्रालय ने कहा कि आधार के कई फायदे हें और इसका उपयोग कई स्थानों पर एक पहचान साबित करने के लिए आसानी से किया जा सकता है। कोई भी व्यक्ति बैंक में खाता खुलवाने के लिए आधार संख्या का उपयोग कर सकता है, जहां आरबीआई के नियमों के तहत उसे केवाईसी पेश करना होता है।


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