यह ख़बर 25 दिसंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

एक डॉक्टर का अंधा प्यार, कैसे बदला तेजाबी इंतकाम में...

एसिड फेंकने की यह वारदात सीसीटीवी में कैद हो गई थी

नई दिल्ली:

उसने पीड़ित डॉक्टर लड़की पर तेजाब डलवाने से पहले उसी सीरिंज में पानी भरवाकर ठीक उसी तरह अपने ऊपर डलवाया, और जब वह इस बात को लेकर आश्वस्त हो गया कि दोनों नाबालिग लड़के तेजाब को अच्छी तरह पीड़ित लड़की पर डाल आएंगे, तब उसने अपने दोस्त वैभव के जरिये तेजाब डालने वाले लड़कों को 25 हज़ार रुपये और 15 दिन का वक्त दिया...

जी हां, यह खुलासा खुद ईएसआईसी के आरोपी सीनियर रेसीडेंट डॉक्टर अशोक यादव ने किया। नाबालिगों ने पहले बाइक चुराई, फिर 17 दिसंबर को तेजाब डालने के लिए लेडी डॉक्टर का इंतजार करने लगे, लेकिन उस दिन वह कार से अस्पताल जा रही थी, सो, प्लान फेल हो गया...

दोबारा कोशिश 21 दिसंबर की सुबह हुई, जब पीड़ित लेडी डॉक्टर अपनी सफेद स्कूटी से अस्पताल जा रही थी। काली पल्सर मोटरसाइकिल पर सवार दोनों नाबालिगों ने स्कूटी का पीछा किया, और मौका देखकर तेजाब से भरी सीरिंज से पीड़िता पर एसिड डाल दिया, जिससे लेडी डॉक्टर का चेहरा झुलस गया और दाहिनी आंख की रोशनी बचाने के लिए एम्स के डॉक्टर अब इलाज में जुटे हैं।

गुरुवार सुबह खबर आई कि पुलिस ने तेजाब डालने वाले चार लोगों को पकड़ लिया। पुलिस जांच में पता चला कि चार में से दो नाबालिग हैं, जिन्होंने चंद पैसों के लालच में पहले बाइक चुराई फिर लेडी डॉक्टर पर तेजाब डाला। हालांकि पीड़ित लड़की बार-बार कह रही थी कि उसे किसी पर शक नहीं है, लेकिन जब पुलिस ने उसके दोस्तों की लिस्ट बनानी शुरू की, तो पता चला कि मायापुरी में रहने वाला डॉ अशोक यादव काफी समय से उस लेडी डॉक्टर और उसके घरवालों को जानता था।

लेकिन लेडी डॉक्टर को शायद उसके एकतरफा प्यार का पता नहीं था। जब अशोक यादव को पता चला कि पीड़ित लड़की की शादी की बात दूसरे के साथ चल रही है, तो उसने अंदर ही अंदर पीड़िता को सबक सिखाने की ठान ली। इस बारे में जब उसने कॉल सेंटर में काम करने वाले अरने मित्र वैभव से बात की तो उसने दो नाबालिग लड़कों को इस काम को अंजाम देने के लिए तैयार कर लिया।

कौन है डॉ अशोक यादव...?

करीब छह फुट लंबाई, गोरा रंग और मासूम-सा चेहरा लिए डॉ अशोक यादव ने रूस से एमबीबीएस किया था। पिछले करीब तीन साल से वह ईएसआईसी अस्पताल में सीनियर रेसीडेंट के रूप में कार्यरत है, और पीड़ित लड़की से उसकी मुलाकात एमबीबीएस के वक्त से ही है, लेकिन वह एकतरफा प्यार करता है, इस बात का अंदाजा पीड़िता को भी नहीं था। इसी के चलते जब पुलिस ने डॉ अशोक यादव से पूछताछ करनी चाही तो पीड़ित लड़की ने यह कहकर विरोध किया कि अगर अशोक से पूछताछ हुई, तो वह अपना केस तक वापस ले लेगी।

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आरोपी डॉक्टर ने यह पूरा प्लान करीब 20 दिन पहले तैयार किया था। नाबालिग लड़कों ने 17 दिसंबर को भी पीड़िता पर तेजाब फेंकने की कोशिश की थी।, लेकिन उस दिन वह कार से अस्पताल जा रही थी। यह वारदात उदाहरण है कि कैसे एकतरफा अंधा प्यार अंधे इंतकाम में बदल जाता है, जो एक डॉक्टर तक को हैवान बना देता है, और किसी लड़की को जिंदगी भर का ज़ख्म दे सकता है...