यह ख़बर 11 अप्रैल, 2013 को प्रकाशित हुई थी

1984 सिख दंगों के आरोप साबित होने पर राजनीति छोड़ दूंगा : जगदीश टाइटलर

खास बातें

  • वर्ष 1984 में भड़के सिख विरोधी दंगों में कथित भूमिका के आरोपों का सामना कर रहे कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर ने गुरुवार को कहा कि अगर उनके खिलाफ आरोप साबित हो जाते हैं तो वह राजनीति छोड़ देंगे।
नई दिल्ली:

वर्ष 1984 में भड़के सिख विरोधी दंगों में कथित भूमिका के आरोपों का सामना कर रहे कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर ने गुरुवार को कहा कि अगर उनके खिलाफ आरोप साबित हो जाते हैं तो वह राजनीति छोड़ देंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘अगर मेरे खिलाफ आरोप साबित हो जाते हैं तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा।’’ साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि आरोप तय होने पर वह अपना चेहरा भी पार्टी को नहीं दिखाएंगे।

टाइटलर ने एनडीटीवी पर कहा, ‘‘यदि अदालत मेरे खिलाफ आरोप तय करती है तो मैं पद छोड़ने में एक पल भी नहीं लगाऊंगा, जो मेरे पास होगा क्योंकि इससे पार्टी को परेशानी होगी और मेरे लिए पार्टी सबसे ऊपर है।’’ टाइटलर ने यह कहते हुए गवाहों पर हमला बोला कि वे भरोसेमंद नहीं हैं और ‘झूठ बोल रहे’ हैं।

सुरिंदर सिंह नाम के एक गवाह पर पांच दफा अपना बयान बदलने का आरोप लगाते हुए टाइटलर ने सवाल किया कि वरिष्ठ वकील एचएस फुल्का ने बयान लिखने के लिए उस पर दबाव क्यों बनाया।

टाइटलर ने कहा, ‘‘सुरिंदर सिंह और जसबीर सिंह के बयान के आधार पर मेरा नाम फिर आया है। सुरिंदर सिंह ने पहले अंग्रेजी में बयान दिया और फिर गुरुमुखी में एक लिखित बयान दिया। मैं जानना चाहता हूं कि आखिर फुल्का ने बयान लिखने के लिए सुरिंदर सिंह पर दबाव क्यों बनाया?’’

उन्होंने दावा किया कि वह अपराध स्थल पर मौजूद नहीं थे और इस मामले की जांच के लिए 100 फीसदी तैयार हैं।

टीवी न्यूज चैनलों से बातचीत में टाइटलर ने कहा, ‘‘मैंने दूरदर्शन का एक फुटेज पेश किया है जिसमें दिखाया गया है कि मैं सुबह 7 बजे से दोपहर 3 बजे तक दिवंगत इंदिरा गांधी के शव के पास मौजूद था, आखिर मैं एक ही समय में दो-दो जगहों पर कैसे मौजूद हो सकता हूं?’’

टाइटलर ने कहा कि मामले के दूसरे गवाह जसबीर सिंह को अदालत ने भगोड़ा घोषित कर दिया था। उन्होंने कहा कि जांच एजेंसियों ने पाया कि जसबीर सिंह घटना के समय जोधपुर में थे।

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘ये सभी गवाह भरोसेमंद नहीं हैं और झूठ भी बोल रहे हैं।’’ टाइटलर ने सवाल उठाया कि भाजपा जब सत्ता में आई थी तो उसने इस मामले में कोई कार्रवाई क्यों नहीं की।

उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा दो दफा सत्ता में आयी। वह भी तो मेरे खिलाफ कार्रवाई कर सकती थी। मैं 1984 के सिख दंगों के मामले में किसी भी जांच के लिए 100 फीसदी तैयार हूं।’’ टाइटलर ने कहा कि उन्हें उस वक्त ‘क्लीन चिट’ दी गई थी जब राजग के शासनकाल में लालकृष्ण आडवाणी केंद्रीय गृहमंत्री थे।

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(इनपुट भाषा से भी)