खास बातें
- केंद्र ने उच्चतम न्यायालय में 41 पन्नों का हलफनामा दायर किया, जिसमें सीबीआई के कामकाज में स्वायत्तता लाने के लिए उठाए जाने वाले कदमों के बारे में बताया।
नई दिल्ली: केंद्र ने उच्चतम न्यायालय में 41 पन्नों का हलफनामा दायर किया, जिसमें सीबीआई के कामकाज में स्वायत्तता लाने के लिए उठाए जाने वाले कदमों के बारे में बताया। केंद्र ने कहा कि हलफनामा सीबीआई को स्वायत्त बनाने को लेकर मंत्रियों के समूह (जीओएम) की सिफारिशों को रिकॉर्ड में लाने के लिए पेश किया गया।
केंद्र ने शीर्ष अदालत को बताया कि सीबीआई के निदेशक की नियुक्ति एक समिति करेगी, जिसमें प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता, भारत के प्रधान न्यायाधीश या उच्चतम न्यायालय का कोई न्यायाधीश शामिल होगा। केंद्र ने कहा कि प्रधानमंत्री इस समिति के अध्यक्ष होंगे।
सरकार ने उच्चतम न्यायालय से कहा कि सीबीआई द्वारा की जा रही जांच को केंद्र सरकार किसी भी तरह से प्रभावित नहीं करेगी। केंद्र ने उच्चतम न्यायालय से कहा कि सीबीआई निदेशक का कार्यकाल दो वर्ष से अधिक नहीं होगा। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली समिति की सहमति के बिना उनका तबादला नहीं किया जा सकता।
केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय से कहा कि केवल राष्ट्रपति के आदेश पर ही सीबीआई निदेशक को उनके पद से हटाया जा सकेगा। केंद्र ने सीबीआई अधिकारियों के खिलाफ लगे आरोपों की जांच के लिए एक जवाबदेही आयोग का गठन करने का प्रस्ताव रखा। केंद्र सरकार सीबीआई की वित्तीय स्वायत्तता के संबंध में संसद में एक नया विधेयक पेश करेगी।