यह ख़बर 02 सितंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

मोदी सरकार के 100 दिन : काबू में नहीं महंगाई

फाइल फोटो

नई दिल्ली:

26 मई को शपथ लेते हुए नरेंद्र मोदी सरकार ने जो वादे किए, उनमें महंगाई पर क़ाबू पाना सबसे अहम था, लेकिन 100 दिन बाद सब्ज़ी मंडी बता रही है कि खाने−पीने के कई ज़रूरी सामान लगातार महंगे हुए हैं।

खाद्य मंत्रालय की प्राइस मॉनिटरिंग सेल के मुताबिक सबसे ज़्यादा उछाल टमाटर में आई है। 26 मई को दिल्ली के खुदरा बाज़ार में टमाटर की औसत कीमत 15 रुपये किलो थी, जो एक सितंबर को बढ़कर 61 रुपये किलो पहुंच गयी यानी 300 फ़ीसदी की बढ़ोतरी>

जो हाल दिल्ली का है, वही दिल्ली से लगे इलाकों का भी। गुड़गांव में 26 मई को टमाटर की औसत कीमत 28 रुपये किलो थी, जो एक सितंबर को बढ़कर 80 रुपये किलो पहुंच गई।

इन सौ दिनों में आलू−प्याज़ भी महंगे हुए हैं। दिल्ली में आलू की औसत कीमत 24 रुपेय किलो से बढ़कर 31 रुपये किलो हो गई, जबकि गुड़गांव में आलू 18 रुपये से बढ़कर 40 रुपये किलो हो गया, यानी 100 फीसदी से ज़्यादा महंगा।

उछल−पुथल प्याज़ और दूसरी सब्जियों में भी दर्ज़ हुई। 26 मई को दिल्ली में उड़द दाल की कीमत 71 रुपये किलो थी, जो 1 सितंबर को बढ़कर 85 रुपये किलो हो गई। जबकि इस दौरान मसूर दाल की कीमत 70 से बढ़कर 81 रुपये प्रति किलो पहुंच गई।

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इन आंकड़ों पर नजर डालने पर यह बात साफ हो जाती है कि नरेंद्र मोदी सरकार को कम से कम महंगाई के मोर्चे पर इन 100 दिनों में ज्यादा नंबर मिलते नहीं दिखते।