यह ख़बर 28 दिसंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

आईआईटी दिल्ली के डायरेक्टर के इस्तीफे से उठे सवाल

नई दिल्ली:

आईआईटी दिल्ली के डायरेक्टर आर के शिवगांवकर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। सूत्रों के मुताबिक सरकार शिवगांवकर पर दबाव डाल रही थी कि वह एक खेल अकादमी के लिए आईआईटी कैंपस की ज़मीन दिलवाएं और पहले आईआईटी दिल्ली में प्रोफेसर रह चुके बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी के ‘बकाया वेतन’ 70 लाख रुपये का भुगतान करवाएं।
 
आईआईटी में सूत्र बताते हैं कि शिवगांवकर नहीं चाहते कि आईआईटी कैंपस की ज़मीन पर कोई खेल अकादमी बने। उनका मानना है कि कैंपस का इस्तेमाल यहां पढ़ रहे छात्रों और फैकल्टी के लिए ही होना चाहिए। सुब्रमण्यम स्वामी को 1972 में आईआईटी से हटा दिया गया लेकिन 1991 में अदालत के फैसले के बाद उनकी नौकरी बहाल हुई। सूत्र बताते हैं कि शिवगांवकर स्वामी के ‘बकाया वेतन’ इस मामले को कानूनी तरीके से सुलझाना चाहते हैं। हालांकि एनडीटीवी इंडिया से बात करते हुए सुब्रमण्यम स्वामी ने इस तरह की खबरों को पूरी तरह गलत बताया है।
 
शिवगांवकर के कार्यकाल के 2 साल अभी बचे हैं लेकिन कहा जा रहा है कि वो दबाव में झुकने को तैयार नहीं थे। इस बारे में एनडीटीवी इंडिया ने आईआईटी के चेयरमैन विजय भटकर से बात की जिन्होंने ये माना कि शिवगांवकर ने इस्तीफा दे दिया है लेकिन इन कारणों से साफ इनकार किया। भटकर ने एनडीटीवी इंडिया को बताया, 'शिवगांवकर ने एक हफ्ते पहले मुझे इस्तीफा भेजा जिसमें निजी कारणों को पद छोड़ने की वजह बताया। उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है और मंत्रालय को भेज दिया गया है। लेकिन मीडिया में बताई जा रही वजहें सही नहीं है। इस्तीफे की वजह निजी है।'

वहीं क्रिकेट दिग्गज और राज्यसभा सांसद सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट अकादमी खोलने की योजना और इसके लिए आईआईटी, दिल्ली से जमीन मांगने की बात से रविवार को इनकार कर दिया और कहा कि इस तरह की खबरों से वह स्तब्ध हैं।

तेंदुलकर ने सोशल वेबसाइट ट्विटर पर लिखा, 'मैं इस प्रकार की खबरें देखकर स्तब्ध हूं कि मैंने आईआईटी दिल्ली से अपनी अकादमी खोलने के लिए जमीन मांगी।' तेंदुलकर के मुताबिक, न ही उन्होंने किसी प्रकार की अकादमी खोलने की योजना बनाई है और न ही जमीन की ही मांग की। (एजेंसी इनपुट के साथ)


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