पंजाब : फेसबुक पर गैंग वॉर, गैंगस्टर खुलेआम कर रहे वारदातों का ऐलान

पंजाब : फेसबुक पर गैंग वॉर, गैंगस्टर खुलेआम कर रहे वारदातों का ऐलान

चंडीगढ़:

पंजाब में विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी बढ़ गयी है और साथ ही गैंग वार भी। गैंगस्टर खुलेआम अपनी वारदातों का ऐलान फेसबुक पर कर रहे हैं, पुलिस को धमका भी रहे हैं। 2014 लोकसभा चुनाव में गैंगस्टर से नेता बने जसविंदर सिंह उर्फ़ रॉकी ने अकाली दल के उम्मीदवार की जीत में अहम किरदार अदा किया था। जसविंदर को पंजाब सरकार ने सुरक्षा दे रखी थी। लेकिन 30 अप्रैल को हिमाचल के परवाणू में रॉकी को विरोधी गैंग ने गोलियों से छलनी कर दिया।

वारदात के चार घंटे के भीतर नाभा जेल में क़ैद गैंगस्टर विक्की गौंडर ने अपने फेसबुक पेज पर बदला पूरा होने का दावा किया और साथ ही बठिंडा के एसएसपी पर रॉकी को ज़रूरत से ज़्यादा तवज्जो देने का तंज भी कसा। लेकिन अगले दिन फिरोज़पुर के गैंगस्टर जय पाल ने अपने फेसबुक पर हत्या को अंजाम देने का ऐलान किया। दोनों के फेसबुक पर सैकड़ों लाइक्स और बधाई सन्देश पोस्ट किये गए।

पंजाब के गैंगस्टर सोशल मीडिया के ज़रिये अपना खौफ फैला रहे हैं जो उगाही के धंधे में कारगर साबित हो रहा है। एसएसपी बठिंडा स्वपन शर्मा कहते हैं, 'ये गैंगस्टर्स गौंडर और नीटा, उगाही के मामलों में शामिल हैं। हम उन्हें प्रोडक्शन वारंट पर लाये थे, ये उसी का रिएक्शन है।'

रॉकी के बाद ताबड़-तोड़ दो और मर्डर हुए। अमृतसर में पुलिस थाने से कुछ फासले पर 4 मई को गैंगस्टर राहुल उर्फ़ हरिया की भूपिंदर सिंह उर्फ़ सोनू कंगला गैंग ने गोली मारकर हत्या कर दी। और 8 मई को फरीदकोट में गैंगस्टर दविंदर सिंह उर्फ़ देवा को चलती सड़क पर बाइक सवार गुर्गों ने गोली मार दी। तीनों वारदातों में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।

मोगा के नामी गैंगस्टर दविंदर बंबीहा ने अपने फेसबुक पर पुलिस को उसके करीबियों को तंग न करने की नसीहत इशारा है कि पंजाब में चल रही गैंग वॉर किस कदर बेकाबू हो चली है।

पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक पंजाब में इस वक़्त 57 गैंग ऑपरेट कर रहे हैं जिनके पास 423 गुर्गों और शार्प शूटर्स की फ़ौज है। इनमें से कई जेल में बंद हैं पर बराबर अपने फेसबुक पेज पर अपने असलहों की नुमाईश करते हैं और दूसरी गैंग को चेतावनी भी देते हैं।

कांग्रेस के नेता सुनील जाखड़ का आरोप है कि इन गुंडों को इलेक्शन के दौरान अकाली सरकार पैरोल पर बहार लाकर बूथ कैप्चरिंग के लिए, लोगों को डराने धमकाने के लिए इस्तेमाल करेगी। इससे पहले इन्हीं गैंग्स का इस्तेमाल उगाही के लिए, शराब माफिया के लिए होता रहा है।

मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल कहते हैं, 'हम इसमें क्या कर सकते हैं..कोई कुछ करता है कोई कुछ, चिंता तो बहुत बातों की है पर क्या कर सकते हैं।

हालांकि रविवार को प्रदेश की नौ जेलों में छापेमारी के दौरान 66 मोबाइल फ़ोन बरामद हुए। इनमें से 15 तो अकेले नभ जेल से मिले हैं जहां सबसे नामचीन गैंगस्टर बंद हैं। लेकिन सरकार ने खानापूरी करते हुए सिर्फ दो जूनियर जेल अफसरों को सस्‍पेंड किया है।


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