नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह को एक 'सीक्रेट नोट' भेजा है। इस नोट में दिल्ली के एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) प्रमुख और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एम.के. मीणा पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों का जिक्र है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को दिल्ली विधानसभा में यह जानकारी दी।
सिसोदिया एसीबी की कार्यशैली पर बात कर रहे थे। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने वाली एसीबी फिलहाल दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार और उपराज्यपाल नजीब जंग के बीच लड़ाई का मुख्य मुद्दा बनी हुई है।
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने केद्रीय गृहमंत्री को सीक्रेट नोट भेजकर मीणा पर लगे हवाला और सोफा-पर्दा घोटाले के गंभीर आरोपों के बारे में जानकारी दी है। उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने कहा, मुझे उम्मीद है कि राजनाथ सिंह इन आरोपों पर संज्ञान लेंगे और सख्त कार्रवाई करेंगे।
हाल ही में दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग ने मीणा को एसीबी प्रमुख के तौर पर नियुक्त किया था। दिल्ली सरकार पहले दिन से ही मीणा का विरोध कर रही है।
उधर आम आदमी पार्टी के विधायकों ने विधानसभा के बजट सत्र के दौरान मीणा को उनके पद से हटाने की जोरदार मांग की। तिलक नगर से आप विधायक जरनैल सिंह ने दो एसीबी प्रमुखों- आप सरकार द्वारा नामित एस.एस. यादव और उपराज्यपाल द्वारा नियुक्त मीणा के बीच टकराव का मुद्दा उठाया।
जरनैल सिंह ने कहा, ‘ईमानदार अधिकारी एस.एस. यादव को यातना दी जा रही है और प्रताड़ित किया जा रहा है, क्योंकि वह भ्रष्टाचार को रोकने के लिए काम कर रहे हैं। भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए एसीबी को कमजोर करने के प्रयास किए गए हैं।’
विधायकों ने आरोप लगाया कि उपराज्यपाल नजीब जंग ने मीणा को इसलिए नियुक्त किया है ताकि एसीबी को उनके खिलाफ जांच करने से रोका जा सके। रोहतास नगर की विधायक सरिता सिंह ने कहा, ‘केंद्र सरकार उपराज्यपाल के जरिए दिल्ली सरकार की शक्तियों पर अंकुश लगाने की कोशिश कर रही है। क्यों उपराज्यपाल ने नया पद सृजित करने की आवश्यकता महसूस की। मुझे लगता है कि एसीबी उस घोटाला मामले की जांच करने की कोशिश कर रही थी, जिसमें उपराज्यपाल की भूमिका पाई गई है। इसलिए उन्होंने एसीबी प्रमुख के तौर पर अपने आदमी को भेजा है।’
साथ में एजेंसी इनपुट