व्यापम घोटाले के मास्टरमाइंड 74 वर्षीय उप्रीत ने खोला घोटाले का राज

व्यापम घोटाले के मास्टरमाइंड 74 वर्षीय उप्रीत ने खोला घोटाले का राज

व्यापम घोटाले का आरोपी योगेंद्र चंद्र उप्रेति

ग्वालियर:

व्यापम घोटाले में तरह-तरह के ख़ुलासे बता रहे हैं कि कैसे इस मामले में बड़े VIP शामिल रहे। मेडिकल की सीटें 35 लाख और PG की सीटें 1 करोड़ में धड़ल्ले से बिक रहीं थीं।

ग्वालियर की जेल में एक ऐसा शख़्स बंद है जो व्यापम को निजी कॉलेज में DMAT के जरिए हो रही भर्तियों से जोड़ रहा है। 74 साल के योगेंद्र चंद उप्रीत फिलहाल पुलिस का आरोपी है। लेकिन उसे जल्द गवाह बनाया जा सकता है।

एनडीटीवी इंडिया को मिली जानकारी के मुताबिक-
उप्रीत 2003-04 के बीच व्यापम में डायरेक्टर की हैसियत से पोस्टेड था। पुलिस की मानें तो वो पूरे मामले का मास्टरमाइंड भी है। हालांकि पुलिस ने अभी उसे सिर्फ़ ऋचा जौहरी के फ़र्ज़ी दाख़िले के सिलसिले में गिरफ़्तार किया है।

ग्वालियर SIT प्रमुख वीरेंद्र जैन का कहना है कि ये बहुत बड़ा स्कैम है। कुल मिलाकर व्यापम से जुड़े 57 मामले ग्वालियर में दर्ज हैं। ऋचा जौहरी फ़रार है और उस पर हमने इनाम भी घोषित किया है।

पूछताछ के दौरान उप्रीत ने माना कि निजी कॉलेजों में भी फ़र्ज़ी पीएमटी भर्तियां ख़ूब हुई हैं। मोडस ऑपरेंडी के बारे में उसने बताया कि पीएमटी कोटा से जो भर्ती होती थी वो उसे पैसे देकर खाली करवा लेते थे। छात्र अक्सर हलफ़नामा देकर फ़ीस ज़्यादा होने की दलील देते थे और एडमिशन नहीं लेते थे। बता दें कि सरकारी कॉलेज में इस दाखिले में 80 रुपये एडमिशन के लिए देने होते और वहीं निजी कॉलेजों में 3.5 लाख देने होते थे।

नियम के मुताबिक अगर 30 सितंबर तक छात्र एडमिशन नहीं लेता है तो वे सीट DMAT से या फिर PMT की नीचे की रैंक से भरी जा सकती थी।

पुलिस ने दो ऐसे छात्र भी गिरफ़्तार किए हैं जो दो बार PMT में बैठ चुके थे, जिनका चयन पहली बार में ही हो चुका था।
एक ग्वालियर मेडिकल कॉलेज का छात्र और दूसरा आगरा मेडिकल कॉलेज का है।

दरअसल निजी कॉलेज में 50 फ़ीसदी PMT के जरिए भर्ती होती थी और 50 फ़ीसदी DMAT के जरिए। उधर, पुलिस उप्रीत की सुरक्षा और सेहत को लेकर चिंतित है। शनिवार देर रात उप्रीत को एम्स से वापस ग्वालियर जेल लाया गया।

बताया जा रहा है कि उसे कैंसर हो चुका है और इलाज के लिए उसे दिल्ली भेजा गया था।

ग्वालियर जेल के डिप्टी सुप्रीटेंडेंट का कहना है कि जेल प्रशासन उनकी सेहत का पूरा ख्याल रख रहा है। जरूरत पर हर सुविधा उपलब्ध कराई  जा रही है। हालांकि उप्रीत अपोलो में इलाज की मांग कर रहा है, लेकिन यहां के डॉक्टरों ने फैसला लिया कि इनका इलाज एम्स में कराया जाए। अगले दो हफ्तों में भी एम्स में भेजा जाएगा।

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खास बात यह है कि अगर उप्रीत को कुछ हो जाएगा तो जांच काफी प्रभावित हो सकती है। क्योंकि उप्रीत बड़ी मछलियों को फांसने का जरिया है। कहा जा रहा है कि बाकी जितनी गिरफ्तारियों हैं वह सब मात्र छोटे पियादे हैं।