चाचा vs भतीजा : जानें, यादव परिवार की 'सियासी जंग' में कौन अखिलेश और कौन शिवपाल के साथ..

चाचा vs भतीजा : जानें, यादव परिवार की 'सियासी जंग' में कौन अखिलेश और कौन शिवपाल के साथ..

मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल यादव (फाइल फोटो)

खास बातें

  • दो धड़ों में बंटी उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी.
  • सीएम अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल हैं आमने-सामने.
  • चाचा-भतीजे की जंग में यादव परिवार भी दो हिस्सों में बंट गया है.
नई दिल्‍ली:

उत्‍तरप्रदेश के सबसे प्रतिष्ठित परिवार की लड़ाई निर्णायक दौर में है. सपा की सोमवार की हुई बैठक में पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने बेटे (और मुख्‍यमंत्री) अखिलेश यादव और उनके विरोधी बने चाचा शिवपाल यादव को गले भले ही मिला दिया हो, लेकिन लगता नहीं कि ये जंग रुकने वाली है.  दोनों पक्षों में से कोई भी पीछे हटने को तैयार नहीं है और पार्टी में दोफाड़ होने का खतरा बढ़ता जा रहा है.
 

(मुलायम सिंह यादव का वंश वृक्ष)

'चाचा बनाम भतीजा' की इस जंग में यादव परिवार भी दो खेमे में बंट चुका है. परिवार के कुछ सदस्‍य जहां अखिलेश यादव के पक्ष में खड़े हो गए हैं वहीं शेष 'पिता तुल्‍य' मुलायम सिंह यादव के पक्ष में हैं. सियासत में सक्रिय यादव परिवार के सदस्‍य और पार्टी के खास नेताओं में किस की निष्‍ठा अखिलेश के प्रति है और किसकी मुलायम के पक्ष में है, इस पर एक नजर..

अखिलेश यादव
 

मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव के तेवरों से यही लगता है कि वे अपने चाचा शिवपाल के साथ आर-पार की लड़ाई का मूड बना चुके हैं. सोमवार की पार्टी की बैठक से यह साफ हो गया कि इसके लिए वे शिवपाल के पक्ष में खड़े अपने पिता से बगावती तेवर अपनाने का तैयार हैं. अपने मंत्रिमंडल से शिवपाल को बर्खास्‍त कर अखिलेश ने यह जताने की कोशिश की कि सरकार में वे ही 'सुप्रीम' हैं. मुलायम और शिवपाल के खास सिपहसालार अमर सिंह के खिलाफ भी सीएम ने झंडा बुलंद किया है. अमर सिंह पर यादव परिवार में फूट डालने वाला का आरोप मढ़ते हुए हुए एक खास शब्‍द का इस्‍तेमाल भी किया. हालांकि अखिलेश ने साफ किया है कि वे पार्टी को तोड़ेंगे नहीं लेकिन आज की बैठक के घटनाक्रम के बाद उनका अगला कदम क्‍या होगा, वक्‍त ही बताएगा. पार्टी के कई विधायक, जिसमें बड़ी संख्‍या में युवा हैं, भी इस 'यु्द्ध' में अखिलेश के साथ खड़े हैं

डिंपल यादव
मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव की पत्‍नी और मुलायम की पुत्रवधु डिंपल फिलहाल कन्‍नौज से सांसद हैं. यादव परिवार की सियासी लड़ाई में पति के साथ ही खड़ी हैं.

शिवपाल यादव

मुख्‍यमंत्री के खिलाफ बेहद मुखर. खास बात यह है कि इस मुहिम में उन्‍हें अपने बड़े भाई मुलायम का भी साथ मिल गया है. सपा के यूपी के अध्‍यक्ष के तौर पर शिवपाल ने अखिलेश के पक्ष में आवाज उठा रहे चचेरे भाई रामगोपाल यादव को पार्टी से बाहर का रास्‍ता दिखाकर उन्‍होंने यह जताने की कोशिश की कि सियासी जंग अब उस स्थिति में पहुंच गई है जहां से इसे रोकना बेहद मुश्किल है.

मुलायम सिंह यादव
इस जंग में सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह, छोटे भाई शिवपालऔर विश्‍वस्‍त अमर सिंह के साथ हैं. सोमवार की बैठक में अखिलेश को तल्‍ख लहजे में जता दिया कि शिवपाल और अमर सिंह को वे छोड़ने को तैयार नहीं हैं. इससे पहले एक बार वे अखिलेश को शिवपाल और यूपी सरकार के मंत्री गायत्री प्रजापति को कैबिनेट में वापस उनका ओहदा दिलाने के लिए भी मजबूर कर चुके हैं. मुलायम कई मौकों पर सार्वजनिक तौर पर अखिलेश को झिड़कते हुए कामकाज सुधारने की नसीहत दे चुके हैं.

रामगोपाल यादव
राज्‍यसभा सांसद रामगोपाल यादव खुलकर अखिलेश के साथ आ गए हैं. सपा सुप्रीमो को लिखी चिट्ठी में शिवपाल और अमर सिंह पर परोक्ष रूप से निशाना साधा था. यह भी लिखा था कि 'जहां अखिलेश है, वहीं विजय है'. माना यही जा रहा है कि पार्टी से बाहर किए जाने के शिवपाल के फैसले (इस फैसले में मुलायम की भी सहमति थी) के बाद और मुखर हो जाएंगे. बर्खास्‍तगी के बाद एक पत्र जारी कर कहा भी है कि नेताजी (मुलायम) इस वक्त कुछ आसुरी शक्तियों से घिरे हुए हैं. जब वह उन ताकतों से मुक्त होंगे तो उन्हें सच्‍चाई का एहसास होगा. मैं समाजवादी पार्टी में रहूं या ना रहूं. लेकिन इस धर्मयुद्ध में अखिलेश यादव के साथ हूं. साथ ही सपा मुखिया को बड़ा भाई और राजनीतिक गुरु बताते हुए ताउम्र उनका सम्मान करने का संकल्प जताया है.

अक्षय यादव
रामगोपाल के बेटे अक्षय भी लोकसभा सांसद हैं. अखिलेश के पक्ष में थे. पिता की बर्खास्‍तगी के बाद और मुखर होकर सीएम के पक्ष में सामने आ सकते हैं.

तेजप्रताप यादव
मैनपुरी सीट से लोकसभा सांसद तेजप्रताप, मुलायम सिंह के बड़े भाई के परिवार से हैं. हालांकि अभी अपने पत्‍ते खुलकर नहीं खोले हैं. लेकिन माना जा रहा है कि वे अखिलेश यादव के साथ हैं. अखिलेश के साथ तेजप्रताप के आत्‍मीय संबंध हैं.सपा के शीर्ष परिवार में चल रही जंग में उनकी चुप्‍पी के एक तरह से अखिलेश का समर्थन ही माना जा रहा है.

आदित्‍य यादव
शिवपाल सिंह के पुत्र आदित्‍य अपने पिता के ही साथ हैं. इस समय यूपीपीसीएफ के चेयरमैन हैं. मुलायम की मुखालफत करने वाले अखिलेश के समर्थक युवा नेताओं के खिलाफ बयान देकर अपने तेवर दिखा चुके हैं.

प्रतीक यादव
मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्‍नी साधना गुप्‍ता के पुत्र हैं. राजनीति के बजाय अभी तक कारोबार में ही दिलचस्‍पी दिखाई है. किस तरफ जाएंगे, कहना मुश्किल.

अपर्णा यादव
मुलायम की पुत्रवधु और प्रतीक की पत्‍नी. लखनऊ कैंट से उन्‍हें सपा ने विधानसभा उम्‍मीदवार बनाया है. परिवार की लड़ाई में किसके साथ जाएंगी, अभी इस बारे में अनिश्चितता की स्थिति है.

आजम खान
समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुस्लिम चेहरे के रूप में जाने जाते हैं. अमर सिंह के साथ छत्तीस का आंकड़ा. उनकी पार्टी में वापसी का भी पुरजोर विरोध किया था. अमर सिंह का जिक्र करते हुए उन्‍हें 'खास विशेषण' से नवाजने से नहीं चूकते हैं. अमर सिंह की वापसी को नेताजी का फैसला बताते हुए अपनी भावनाएं प्रकट कर दी थीं. चूंकि अखिलेश भी अमर सिंह का विरोध कर रहे हैं, इसलिए उनके साथ माने जा रहे हैं.

अमर सिंह

सपा में विवाद की खास वजह इस राजपूत नेता की शिवपाल यादव के साथ बढ़ती जुगलबंदी को ही माना जा रहा है. मुलायम भी उन्‍हें अपना भाई बताते हुए पार्टी से बाहर करने से इनकार कर चुके हैं. स्‍वाभाविक रूप से मुलायम-शिवपाल की जोड़ी के साथ ही खड़े रहेंगे. अपने खास अंदाज में कह चुके हैं, 'अखिलेश मेरे लिए बच्‍चे की तरह हैं. यदि वे मुझ पर वार भी करेंगे तो मैं पूछूंगा चोट तो नहीं लगी.' चूंकि अब अखिलेश ने अमर सिंह की पार्टी में मौजूदगी को प्रतिष्‍ठा का प्रश्‍न बना लिया है ऐसे में सपा महासचिव का अखिलेश के खिलाफ खड़ा रहना निश्चित है.

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