इससे पहले कब-कब शाहरुख खान 'धर्म' के आधार पर विवादों में पड़े...

इससे पहले कब-कब शाहरुख खान 'धर्म' के आधार पर विवादों में पड़े...

शाहरुख खान (फाइल फोटो)

शाहरुख खान ने अपने 50वें जन्मदिन पर दिए साक्षात्कार में कहा की देश में असहिष्णुता काफी हद तक बढ़ गई है। असहनशीलता पर दिए शाहरुख के इस बयान पर प्रतिक्रियाओं की झड़ी लग गई। एक तरफ केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि 'वे खाते हैं यहां का, गाते हैं पाकिस्तान का' तो वहीं मीनाक्षी लेखी बोल पड़ी कि 'ईडी का नोटिस मिलने के बाद शाहरुख के लिए भारत असहिष्णु हुआ।'

यह भी पढ़ें - शाहरुख खान पर हमले जारी

यही नहीं भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने शाहरुख पर सीधा हमला बोलते हुए ट्वीट किया था कि शाहरुख़ खान रहते भारत में हैं पर उनका मन सदा पाकिस्तान में रहता है। उनकी फिल्में यहां करोड़ों कमाती हैं पर उन्हें भारत असहिष्णु नजर आता है। हालांकि बाद में उन्होंने अपने सभी ट्वीट्स वापस ले लिए और कहा कि किसी को ठेस पहुंचाने की उनकी मंशा बिल्कुल भी नहीं थी।

मुसलमान होने पर निशाना

वैसे ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि शाहरुख को उनके धर्म को लेकर घेरा गया हो, इससे पहले भी वह कभी अपने बयान से तो कभी अपनी फिल्मों की वजह से कट्टरपंथी संगठनों के निशाने पर रहे हैं। इससे पहले 2013 में आउटलुक के एक विशेषांक में शाहरुख ने एक लेख के ज़रिए कहा था कि कुछ राजनेता उन्हें भारत में मुसलमानों के बुरे प्रतीक के तौर पर पेश करते हैं और कई बार वह अनायास ही निशाना बन जाते हैं क्योंकि वह मुसलमान हैं।

इसे भी पढ़िए - क्या कहा था शाहरुख ने

यही नहीं खान ने यह भी लिखा था कि कैसे भारत में कुछ लोग उनकी देश भक्ति, वफादारी पर सवाल उठाते हुए उन्हें देश छोड़ने तक की सलाह दे डालते हैं। कई बार तो उन पर अपने देश के बजाय पड़ोसी देश के साथ वफादारी निभाने का आरोप भी लगाया गया है।

इस लेख के प्रकाशित होने के बाद पाकिस्तान के तत्कालीन गृहमंत्री रहमान मलिक ने कहा था कि शाहरुख को भारत सरकार की तरफ से सुरक्षा मिलनी चाहिए। वहीं आतंकी हाफिज़ सईद ने कहा था कि अगर शाहरुख भारत में सुरक्षित महसूस नहीं करते तो वह पाकिस्तान आ सकते हैं।

आईपीएल में पाकिस्तानी खिलाड़ी का समर्थन

इससे पहले 2010 में शाहरुख खान को शिवसेना के गुस्से का शिकार होना पड़ा जब उन्होंने पाकिस्तानी क्रिकेटरों के आईपएल 3 में शामिल होने की वकालत की थी। कोलकाता नाइट राइडर्स के मालिक के इस बयान पर शिवसेना ने उनकी फिल्म 'माय नेम इज़ खान' की रिलीज़ पर रोक लगाने की धमकी दे डाली थी।
 

शाहरुख खान अपनी टीम कोलकाता नाइट राइडर्स के एक मैच के दौरान

इसके बाद खान ने ट्विटर पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था 'अफसोस की बात है कि मेरे बयान को मेरी निजी राय की तरह न देखते हुए एक समुह के खिलाफ समझा जा रहा है। बहस और चर्चा के लिए वैचारिक मतभेद को आधार बनाना चाहिए। अभिव्यक्ति की आज़ादी के लिए यह बहुत ज़रूरी है, इसे किसी और तरीके से देखना वाकई में अफसोसजनक है।'

एयरपोर्ट पर नज़रबंद

अगस्त 2009 में शाहरुख खान को अमेरिका के न्यू जर्सी हवाई अड्डे पर अपने उपनाम की वजह से लगभग 2 घंटे के लिए नज़रबंद कर लिया गया था। शाहरुख को वहां दक्षिण एशियाई कार्यक्रम में हिस्सा लेना था जहां उन्हें विशेष अतिथि के तौर पर बुलाया गया था और बताया जाता है कि कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला द्वारा अमेरिकी अधिकारियों से बातचीत के बाद उन्हें रिहा किया गया था।
 

फिल्म 'माय नेम इज़ खान' का एक दृश्य

हालांकि वह किस्सा यहीं खत्म नहीं हुआ, एक बार फिर अप्रैल 2010 में न्यू यॉर्क एयरपोर्ट पर शाहरुख को तब रोक लिया गया जब वह नीता अंबानी के साथ एक प्रायवेट प्लेन में येल युनिवर्सिटी के छात्रों को संबोधित करने के लिए अमेरिका आए थे। हालांकि नीता अंबानी और बाकी के लोगों को तुरंत जाने दिया गया लेकिन एयरपोर्ट से निकलने से पहले खान को दो घंटे तक इमिग्रेशन अधिकारियों ने रोककर रखा।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

बाद में इस घटना का ज़िक्र येल युनिवर्सिटी के छात्रों के सामने करते हुए शाहरुख ने व्यंग्य कसते हुए कहा था 'जब भी मैं थोड़ा अंहकारी महसूस करने लगता हूं, मैं अमेरिका का एक चक्कर लगा लेता हूं। यहां इमिग्रेशन वाले आपके अंदर के सारे स्टार की हवा निकाल देते हैं।'