पूरे देश में हर्षोल्लास से मनाई गई दिवाली, देशवासियों को राष्ट्रपति और पीएम ने दी बधाई

पूरे देश में हर्षोल्लास से मनाई गई दिवाली, देशवासियों को राष्ट्रपति और पीएम ने दी बधाई

एएफपी फोटो

नई दिल्ली:

देश भर में रोशनियों का त्योहार दिवाली पूरे जोश से मनाया गया। इस मौके पर  घरों, दुकानों और दफ़्तरों में ख़ास सजावट की गई, लोगों ने पूजा अर्चना की और दीये जलाए और बाद में आतिशबाजी भी की। दिवाली को देखते हुए राष्ट्रीय राजधानी सहित पूरे देश में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे।

दिवाली पर हमेशा की तरह बच्चों और नौजवानों में खासा उत्साह देखा गया। उन्होंने आतिशबाजी की। लोग अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के घर गए और एक दूसरे को दिवाली की शुभकमानाएं दी। लोगों ने एक दूसरे मिठाइयां भी बांटी। लोगों ने एसएमएस, व्हाट्सऐप और सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट के जरिये भी दीपों के पर्व की बधाइयां दीं।

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कई दूसरे प्रमुख नेताओं ने देशवासियों को दिवाली की बधाई दी। राष्ट्रपति मुखर्जी ने दिवाली की शुभकामनाएं देते हुए देशवासियों से आज अपील की कि वे रोशनी के इस त्योहार को प्रदूषण मुक्त तरीके से मनाएं।

राष्टपति ने ट्वीट किया, 'यह त्योहार हमारे देश के सभी वर्गों के लोगों के लिए खुशियां और समृद्धि लेकर आए।' उन्होंने कहा, 'मैं सभी भारतीयों से दिवाली का त्योहार प्रदूषण मुक्त तरीके से मनाने की अपील करता हूं।'

वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी लोगों को दिवाली की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने लगातार दूसरे साल आज सैनिकों के साथ दिवाली मनाई और कहा कि दुनिया इनके पराक्रम और चरित्र के कारण भारत को सम्मान की नजर से देखती है। उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब 'वन रैंक वन पेंशन' के मुद्दे पर कई पूर्व सैनिक प्रदर्शन कर रहे हैं।

इसके अलावा कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने एक वीडियो संदेश के माध्यम से देशवासियों को शुभकामनाएं दीं और उम्मीद जतायी कि कि यह दिवाली उनके लिए समृद्धि और खुशियां लेकर आए। गौरतलब है कि चौदह साल के वनवास के बाद राजा रामचंद्र के अपने राज्य अयोध्या वापस लौटने की खुशी में लोगों ने घी के दीप जलाकर उनका स्वागत किया था। कार्तिक मास की अमावस्या की वह सघन काली रात श्रीराम के स्वागत में जले झिलमिलाते दीपों की पंक्ति से रोशन हो उठी थी। तभी से इस दिन को हिंदू धर्म में पूरे उत्साह से दीप जलाकर और पूजन करके मनाने की प्रथा शुरू हुई।

दीपावली पर्व मां लक्ष्मी की उत्पत्ति की मान्यता से भी जुड़ा हुआ है। मान्यता है कि इस दिन लक्ष्मी-गणेश पूजन से घर में समृद्धि और खुशहाली आती है। दिवाली का यह पांच दिवसीय पर्व क्षीर सागर के मंथन से पैदा हुई लक्ष्मी के जन्म दिवस से शुरू होता है। माना जाता है कि दीपावली की रात ही मां लक्ष्मी ने भगवान विष्णु को अपने पति के रूप में चुना था और उनसे विवाह रचाया था।

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इस दिन लक्ष्मी के साथ ही विघ्नहर्ता गणेश, संगीत और ज्ञान की देवी सरस्वती और धन के देवता कुबेर की पूजा का भी विधान है। कुछ लोग दीपावली को भगवान विष्णु के वैकुण्ठ लौटने के दिन के रूप में मनाते हैं। मान्यता है कि इस दिन जो लोग लक्ष्मी पूजन करते हैं मां लक्ष्मी उनसे प्रसन्न रहती हैं और वे पूरे साल भर खुशहाल रहते हैं।