भारत का नेपाल के अंदरूनी राजनीतिक मामलों में दखल से इनकार

भारत का नेपाल के अंदरूनी राजनीतिक मामलों में दखल से इनकार

भारत में नेपाली राजदूत दीप कुमार उपाध्याय

नई दिल्ली:

दिल्ली से अपने राजदूत को स्वदेश वापस बुलाने संबंधी नेपाल के फैसले और उसकी किसी भी अंदरूनी राजनीतिक गतिविधियों में दखल से इनकार करते हुए भारत ने सोमवार को इसे विशुद्ध तौर पर राजनीतिक मामला बताया है।

दिल्ली में सरकार से जुड़े एक सूत्र ने कहा, 'अपने अंदरूनी मामलों के लिए किसी बाह्य तत्वों पर दोष मढ़ना आसान होता है। नेपाल के राजनीतिक घटनाक्रम में भारत की कोई भूमिका नहीं है। यहां तक कि अपने राजदूत को वापस बुलाने का नेपाल का फैसला भी पूर्ण रूप से राजनीतिक है, क्योंकि वह नेपाली कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता हैं।'

उनकी यह टिप्पणी भारत में नेपाल के दूत दीप कुमार उपाध्याय को स्वदेश वापस बुलाने के नेपाल के आदेश से उपजे विवाद के मद्देनजर आई है। उपाध्याय को वापस बुलाने के नेपाल सरकार के आदेश के बावजूद अब भी वह यहां अपने पद पर बने हुए हैं। बहरहाल, ऐसी सूचना है कि उपाध्याय ने के.पी. शर्मा ओली की सरकार को गिराने के लिए भारत के साथ साठगांठ से इनकार किया है।

नेपाल में भारतीय राजदूत रणजीत राय को हटाने की अफवाह
ऐसी अफवाह है कि नेपाल भारतीय दूत रणजीत राय को हटाने पर विचार कर रहा है। हालांकि, नेपाल ने इन अफवाहों को खारिज करते हुए इन्हें 'निराधार' बताया है और कहा है कि इन्हें द्विपक्षीय संबंधों को नुकसान पहुंचाने के इरादे से फैलाया गया। मीडिया में ऐसी अटकलें गर्म हैं कि नेपाल सरकार का राय को हटाने पर विचार, नेपाल की राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी की पहली भारत यात्रा रद्द करने और उपाध्याय को वापस बुलाने से उपजे विवादों की पृष्ठभूमि में किया जा रहा है।

दिल्ली रवानगी से 72 घंटे पहले नेपाल ने शनिवार को भंडारी की भारत यात्रा रद्द कर दी थी। यात्रा रद्द करने के कारणों के बारे में फिलहाल नहीं बताया गया, बहरहाल ऐसा माना जा रहा है कि अपने अंदरूनी मामलों में कथित हस्तक्षेप को लेकर नाखुशी जताने के संकेत के तौर पर नेपाल ने ऐसा किया है।

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)


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