सभी हिंदुओं को संगठित करने का अनुकूल समय है : आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत

मोहन भागवत की फाइल फोटो

नई दिल्ली:

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा है कि भारत एक ‘हिंदू राष्ट्र’ है और देश में सभी हिंदुओं को संगठित करने की आवश्यकता है तथा इसके लिए यह ‘अनुकूल समय’ है।

भागवत ने मशहूर कवि रवींद्रनाथ ठाकुर को उद्धृत करते हुए कहा कि जब कभी हिंदुओं और मुसलमानों के बीच संघर्ष होगा तो ‘एक बीच का रास्ता निकलेगा और यह रास्ता हिंदुत्व होगा।’ उन्होंने कहा, 'हिंदुस्तान एक हिंदू राष्ट्र है, जो एक तथ्य है। हम इसके (विचार) साथ आगे बढ़ रहे हैं। इस देश को महान बनाने के लिए सभी हिंदुओं को संगठित होना पड़ेगा।

जब हमारा देश महान बन जाएगा तो इससे पूरे विश्व को लाभ होगा।' उन्होंने कल मेरठ और गाजियाबाद में आरएसएस के कार्यक्रमों को संबोधित करते हुए कहा, 'हमें यह जानना पड़ेगा कि हम क्या करना चाहते हैं। अगर हम आपस में लड़ते रहेंगे तो यह संविधान हमारी रक्षा नहीं कर सकता।'

भागवत ने इस बात का भी उल्लेख किया कि विपरीत परिस्थितियों के बावजूद आरएसएस संस्थापक केबी हेडगेवार ने संपूर्ण हिंदू समुदाय को एकजुट करने के लिए आरएसएस की शाखाएं शुरू कीं। उन्होंने कहा कि संघ के लिए अतीत की बनिस्बत यह ‘बहुत अनुकूल समय’ है।

संघ प्रमुख ने कहा, 'विश्व में किसी स्वयंसेवक संघ ने इतने लंबे और प्रखर विरोध का सामना नहीं किया होगा जितना हमने अपने देश में किया। हम बहुत कठिन परिस्थितियों में आगे बढ़े हैं।'

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

उन्होंने कहा कि ऐसा भी समय था जब न तो देश और न ही दुनिया के दूसरे हिस्सों में संघ की विचारधारा के लिए कोई स्वीकार्यता थी, लेकिन ‘यह संघ के लिए बहुत अनुकूल समय है।’ संगठन के बहुत अधिक संघर्ष से गुजरने का जिक्र करते हुए भागवत ने कहा, 'उसी का परिणाम है कि आज हमारे लिए अनुकूल परिस्थिति है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि हमें संतुष्ट हो जाना चाहिए। बल्कि अब समय है हमें और अधिक कार्य करने का।'

लोगों से विविधता का सम्मान करने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि ‘हिंदुत्व का विचार ही विश्व का एकमात्र विचार है जो सभी लोगों को साथ लाता है।’ उन्होंने कहा कि सभी विविधताओं के बीच मौलिक एकता भारत का सार है।