नई दिल्ली:
भारत और नेपाल ने सीमा पर अपराध रोकने के लिए मिल पेट्रोलिंग बढ़ाने का फ़ैसला किया है। भारत और नेपाल के बीच 1,751 किलोमीटर लंबी सीमा है। ये सीमा खुली हुई है और दोनों देशों के नागरिक बेरोकटोक आ-जा सकते हैं। यही सुविधा इस सीमा को अपराध के बड़े मौक़े भी देती है। इनमें हथियार से लेकर नशीले पदार्थों और मानव तस्करी भी शामिल हैं।
भारत और नेपाल के बीच आपसी तालमेल से जुड़ी एक बैठक में फैसला लिया गया है कि दोनों देश अपराध से जुड़ी सूचनाओं को आपस में साझा करेंगे। ये मीटिंग नेपाल की आर्म्ड पुलिस फोर्स और भारत के सशस्त्र सीमा बल यानि की एसएसबी के बीच काठमांडू में हुई।
इस बैठक में ये भी तय हुआ कि एसएसबी और एपीएफ मिलकर बॉर्डर पिलर की रखवाली और रखरखाव का ज़िम्मा उठाएंगे। सीमा पर सैंकड़ों की तादाद में पिलर या तो ग़ायब हो गए हैं या फिर टूट फूट गए हैं। इससे दोनों देशों के बीच कई तरह की ग़लतफहमियां पैदा होती हैं।
बैठक के दौरान एसएसबी के महानिदेशक बीडी शर्मा ने सीमा अपराध पर नियंत्रण के लिए एनपीएफ की कोशिशों की तारीफ़ की। एसएसबी एनपीएफ को ट्रेनिंग और क्षमता बढ़ाने के मामले में भी सहयोग देगा।