यह ख़बर 14 दिसंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

भारत-पाक के बीच वीजा समझौते पर हस्ताक्षर

खास बातें

  • पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री रहमान मलिक शुक्रवार को तीन दिवसीय दौरे पर भारत पहुंच गए। यहां पहुंचने के तत्काल बाद दोनों देशों ने नए वीजा समझौते पर हस्ताक्षर किए।
नई दिल्ली:

पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री रहमान मलिक शुक्रवार को तीन दिवसीय दौरे पर भारत पहुंच गए। यहां पहुंचने के तत्काल बाद दोनों देशों ने नए वीजा समझौते पर हस्ताक्षर किए। मीडियाकर्मियों के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच शांति प्रक्रिया सही तरीके से प्रगति कर रही है।

केंद्रीय गृहराज्यमंत्री आरपीएन सिंह ने यहां पालम हवाई अड्डे पर मलिक की अगवानी की। इसके बाद मलिक और केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने बातचीत के बाद वीजा समझौते पर हस्ताक्षर किए।

मलिक ने एक तरफ शांति व अमन की बात की तो दूसरी तरफ ठोस सबूत न मिलने तक मुम्बई हमले के आतंकी हाफीज सईद पर कार्रवाई से भी इनकार कर दिया। उन्होंने तो इस बात को भी स्वीकार नहीं किया कि 1999 के कारगिल युद्ध में शहीद हुए सौरव कालिया के साथ पाकिस्तानी सैनिकों ने युद्ध अपराध किया था।

मलिक के इस दौरे की लम्बे समय से चर्चा चल रही थी। उनके इस दौरे का उद्देश्य ही उस उदार वीजा व्यवस्था का क्रियान्वयन था, जिस पर तत्कालीन विदेश मंत्री एसएम कृष्णा और मलिक के बीच 8 सितम्बर को इस्लामाबाद में समझौता हुआ था।

12 वर्ष से कम तथा 65 वर्ष से अधिक उम्र वर्ग के लोगों को तथा व्यापारियों को पुलिस रिपोर्टिंग से छूट नए समझौते की खासियतों में शामिल है। यह वीजा समझौता ऐसे समय में क्रियान्वित हुआ है, जब पाकिस्तान-भारत के बीच क्रिकेट शृंखला होने वाली है। इसके तहत 25 दिसम्बर से भारत में तीन एक दिवसीय और दो ट्वेंटी-20 मैच खेले जाने हैं।

मलिक ने कहा कि नई वीजा व्यवस्था लागू हो जाने के बाद भारतीयों व पाकिस्तानियों के एक-दूसरे के क्षेत्र में प्रवेश करने के तौर-तरीकों पर वह गृहमंत्री शिंदे के साथ चर्चा होगी।

मलिक ने कहा, "जब वे (भारतीय) पाकिस्तान में प्रवेश करें तो उन्हें यह महसूस होना चाहिए कि वे अपने घर आ रहे हैं। हम शांति प्रक्रिया को आगे ले जाने के लिए यहां आए हैं।"

शिंदे, बातचीत के दौरान मुम्बई हमले के आतंकवादियों के सूत्रधारों की आवाज के नमूने सौंपने की पाकिस्तान से मांग कर सकते हैं। वह लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक और मुम्बई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को सौंपने के लिए भी दबाव बना सकते हैं।

अधिकारियों ने कहा कि दोनों पक्ष आतंकवाद से मुकाबला, सीमा प्रबंधन, फर्जी भारतीय नोट और सुरक्षा व जांच एजेंसियों के बीच सहयोग के मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे।

शिंदे के अलावा बातचीत में आरपीएन सिंह और गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय तथा विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी भी हिस्सा लेंगे।

अधिकारियों ने कहा कि मलिक प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज से शनिवार को मुलाकात करेंगे। वह राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकर शिवशंकर मेनन से भी मुलाकात कर सकते हैं।

मलिक के साथ आए सरकारी शिष्टमंडल में आंतरिक मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) के सदस्य शामिल हैं।

मलिक ने मीडियाकर्मियों के साथ बातचीत में कहा कि दोनों देशों के बीच शांति प्रक्रिया सही तरीके से आगे बढ़ रही है।

मलिक ने कहा, "पाकिस्तान और भारत को मित्र बनना होगा।" उन्होंने कहा कि यह तभी सम्भव होगा, जब दोनों देशों की जनता के बीच अधिक से अधिक परस्पर संवाद हो।

मलिक ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के नेताओं के बीच मुलाकातों के कारण शांति यात्रा बहुत अच्छे तरीके से आगे बढ़ रही है।

मलिक ने कहा, "इसके लिए मैं अपने नेता, (राष्ट्रपति आसिफ अली) जरदारी, प्रधानमंत्री, और भारतीय प्रधानमंत्री व (अब वित्त मंत्री) पी चिदम्बरम को समान रूप से श्रेय दूंगा।"

हाफिज सईद की गिरफ्तारी और उसे सौंपे जाने की भारत की मांग के बारे में उन्होंने कहा, "कसाब द्वारा दिया गया मात्र एक बयान पर्याप्त नहीं है। हमें देश के कानून का पालन करना होगा। निश्चित तौर पर न्यायालय को भी संतुष्ट करना होगा.. हाफिज सईद के बारे में ढेर सारे दुस्प्रचार हुए हैं।"

मलिक ने कहा, "मैं आप सभी को आश्वस्त करता हूं कि हम भारतीय सबूत की अभी भी जांच कर रहे हैं। और यदि वह सबूत अंतरराष्ट्रीय न्यायालयी मानकों पर खरा उतर पाया तो मैं स्वदेश लौटने से पहले ही उसकी गिरफ्तारी के आदेश दे दूंगा।"

मलिक ने कहा, "हमें हाफिज सईद से कोई लगाव नहीं है। हमारा इरादा स्पष्ट है। जो भी अपराध करता है, उसे दंड मिलना चाहिए। मैं पाकिस्तान की जनता की ओर से प्रेम और शांति का एक संदेश लेकर आया हूं।"

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मलिक ने कहा कि पाकिस्तान ने हमेशा आतंकवाद की निंदा की है। उन्होंने कहा, "हमने आतंकवाद में 40,000 बेगुनाहों को गंवाया है, आतंकवादी हमलों में 42,000 अपाहिज हो गए हैं.. हम सभी शांति चाहते हैं.. भारत भी आतंकवाद से पीड़ित है।"