यह ख़बर 02 अक्टूबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

देश ने बापू और शास्त्री को याद किया

खास बातें

  • देश ने दुनिया को शांति और अहिंसा का पाठ पढ़ाने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और 'जय जवान जय किसान' का नारा देने वाले पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर उन्हें श्रद्धापूर्वक याद किया।
नई दिल्ली:

देश ने दुनिया को शांति और अहिंसा का पाठ पढ़ाने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और 'जय जवान जय किसान' का नारा देने वाले पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर उन्हें श्रद्धापूर्वक याद किया।

देश को अंग्रेजों के चंगुल से आजाद कराने वाले बापू की 143वीं और शास्त्रीजी की 108वीं पर जयंती पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, संयुक्त प्रगतिशील (संप्रग) अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार सहित कई सांसदों ने मंगलवार को महात्मा गांधी व लाल बहादुर जयंती पर संसद के केंद्रीय कक्ष में उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करने वालों में लोकसभा के नेता व केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे, विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज, भरतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संसदीय दल के नेता लालकृष्ण आडवाणी, केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल, केंद्रीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव शुक्ला सहित कई अन्य वर्तमान व पूर्व सांसद भी शामिल थे।

शास्त्री के परिवार के सदस्यों ने भी उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। लोकसभा के महासचिव टीके विश्वनाथन तथा राज्यसभा के महासचिव शमशेर के. शरीफ ने भी गांधी व शास्त्री को श्रद्धा के फूल अर्पित किए।

राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 'मिसाइल वुमन' के नाम से चर्चित टेसी थॉमस को लाल बहादुर शास्त्री पुरस्कार प्रदान किया। टेसी अग्नि मिसाइल निर्माण कार्यक्रम से जुड़ी रही हैं।

गुजरात स्थित गांधी की जन्मस्थली पोरबंदर के कृति मंदिर और साबरमती आश्रम में सर्वधर्म प्रार्थना सभा के साथ गांधी के प्रिय भजनों का कार्यकम हुआ। दांडी से 300 किलोमीटर की यात्रा छह दिन में दौड़कर पूरी कर साबरमती आश्रम पहुंचे युवकों को राज्यपाल डॉ. कमला ने इस अवसर पर सम्मानित किया।

उधर, राष्ट्रीय राजधानी में उनके समाधि स्थल राजघाट पर सुबह से ही उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करने वालों का तांता लगा रहा। कामकाजी युवाओं से लेकर कॉलेज के छात्रों, परिवारों से लेकर विदेशी पर्यटकों तक ने राजघाट जाकर महात्मा गांधी को नमन किया। यहां भी सर्वधर्म प्रार्थना सभा आयोजित की गई और गांधी के प्रिय भजन प्रस्तुत किए गए।  

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) और नेशलन बुक ट्रस्ट ने यहां इस अवसर पर बापू से सम्बंधित पुस्तकों की प्रदर्शनी लगाई।  

गांधी को श्रद्धासुमन अर्पित करने अपने परिवार के साथ यहां पहुंचे दरियागंज के एक दुकान मालिक 44  वर्षीय कृष्ण कुमार ने कहा, "अन्ना हजारे ने साबित कर दिया कि गांधीजी का 'सत्याग्रह' आज भी काम करता है। अन्ना हजारे ने पिछले साल सरकार को घुटनों के बल ला खड़ा किया। इसलिए गांधीजी आज भी प्रासंगिक हैं।"

भारत दौरे पर पहुंचे कनाडा के पर्यटक 38 वर्षीय दवे लिनेटा ने भी इससे सहमति जताई। उन्होंने कहा, "मैंने गांधी की आत्मकथा दो बार पढ़ी है। यदि दुनिया के लोग उनके सिद्धांतों का अनुसरण करने लगें तो 9/11 या इराक या अफगानिस्तान जैसे युद्ध नहीं होंगे।"

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अहिंसा पर आधारित डाक टिकटों की प्रदर्शनी आकर्षण का केंद्र रहा। यहां 'महात्मा गांधी और स्वतंत्रता सेनानी' विषय पर डाक टिकट प्रतियोगिता भी हुई।

लाल बहादुर शात्री के जन्मस्थान चंदोली जिले के मुगल सराय और उनके पैतृक स्थान वाराणसी जिले के रामनगर में स्कूली बच्चों ने प्रभातफेरी निकाली। शास्त्रीजी की याद में मुगल सराय में कई कार्यक्रम हुए। लोगों ने मुगल सराय शहर और रेलवे स्टेशन का नाम शास्त्रीजी के नाम पर रखने की मांग दोहराई।

मुम्बई में आर्थर रोड जेल में बंद 120 कैदियों ने देश को अपने सपनों का भारत बनाने का संकल्प लिया। यहां विवेक अग्निहोत्री की फिल्म 'फ्रीडम' का पहला प्रदर्शन कैदियों के बीच किया गया।    

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देशभर के राज्यों के अलावा केंद्र शासित प्रदेश पुड्डचेरी में भी महात्मा गांधी की जयंती श्रद्धाभाव से मनाया गया। सुदूर अंडमान निकोबार द्वीप के पोर्टब्लेयर में उपराज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल भूपेंद्र सिंह ने गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और सर्वधर्म प्रार्थना सभा में भाग लिया। यहां इस अवसर पर गुटका सहित अन्य तम्बाकू उत्पादों पर पाबंदी की घोषणा की गई।