सेना बोली, फिलहाल घुसपैठ थमी है, लेकिन गर्मियों में इसे रोक पाना होगा मुश्किल

सेना बोली, फिलहाल घुसपैठ थमी है, लेकिन गर्मियों में इसे रोक पाना होगा मुश्किल

सेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग के साथ रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर

नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर में लाइन ऑफ कंट्रोल और इंटरनेशनल बॉर्डर पर तैनात भारतीय सेना और बॉर्डर सिक्युरिटी फोर्स अभी फिलहाल तो राहत की सांस ले रहे हैं क्योंकि उनकी कोशिशों से घुसपैठ पर काफी हद तक लगाम लग चुकी है। लेकिन आशंका है कि आने वाले दिनों में उनकी मुश्किलें बढ़ने वाली है।

वजह है एक तो ऊंची पहाड़ियों में बर्फ पिघलने के साथ घुसपैठ में तेजी आ जाती है और दूसरा इस बार खबर है कि पाकिस्तानी सेना आतंकियों को घुसपैठ कराने के मकसद से किसी भी हद तक जा सकती है। इसके लिए फिर एक बार 2003 से जारी सीजफाय़र की धज्जियां उड़ सकती है।

इससे निपटने के लिए एलओसी और आईबी पर सुरक्षा बलों ने अपनी चौकसी बढ़ा दी है। इस बारे में सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग ने जम्मू-कश्मीर में क्षेत्रीय कमांडरों के साथ विचार-विमर्श किया और घुसपैठ रोकने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में पूरी जानकारी ली। इसके अलावा उन्होंने आतंकवादी घुसपैठ को रोकने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी रक्षामंत्री को भी सौंपी।
 
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सर्दियों में भारी बर्फबारी के कारण नियंत्रण रेखा पर तारबंदी को भारी नुकसान हुआ है। हालांकि, घुसपैठ रोकने के लिए सेना के जवान सतर्क रहे हैं और सेना द्वारा घुसपैठ के ज्यादातर प्रयासों को विफल भी किया जा चुका है।

वैसे सेना के इस दावे से राज्य पुलिस और खुफिया एजेंसियां सहमत नहीं हैं। सेना के सूत्रों ने बताया कि  घुसपैठ नहीं हुई है लेकिन हम तैयार हैं और हमारा घुसपैठ रोधी ढांचा पूरी तरह सतर्क है, सैनिक भी चौकस हैं। हम किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार हैं।

जम्मू-कश्मीर का दो दिवसीय दौरा संपन्न करने वाले जनरल दलबीर सिंह ने कहा था कि नियंत्रण रेखा के पास पूरी तरह से शांति है।

हालांकि, उन्होंने इसके प्रति चिंता भी जताई की यह शांति कब तक बनी रहेगी इसके बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता। उन्होंने कहा था कि एलओसी के पास हालात पूरी तरह से नियंत्रण में है। वहां शांति है लेकिन हम चौकस हैं और अगले कुछ महीने में सभी चुनौतियों से निपटने के लिए भी तैयार हैं।

घाटी में हालात पर सैन्य कमांडर ने कहा कि वहां शांति है, लेकिन गर्मियों में आतंकवादियों की ओर से पैदा की जाने वाली किसी भी चुनौतियों से निपटने के लिए सेना तैयार है।

जनरल दलबीर सिंह पिछले हफ्ते रक्षामंत्री के साथ जम्मू-कश्मीर के दो दिवसीय दौरे पर यहां आए थे। उन्होंने घाटी में अग्रिम चौकियों सहित सैन्य ठिकानों का दौरा किया था जहां वरिष्ठ अधिकारियों ने उन्हें हालात से अवगत कराया था।

उन्होंने कहा कि सेना ने जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ रोकने और शांति बनाए रखने के लिए पांच सूत्री रणनीति अपनाई है।

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उन्होंने घाटी में विभिन्न इकाइयों का दौरा करने के बाद कहा कि इस सिलसिले में उनके नेतृत्व में कई पहल की गई है जिनमें सेना, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और जम्मू-कश्मीर पुलिस के बीच तालमेल, घुसपैठ निरोधी तंत्र को मजबूत करना तथा राज्य के शांतिप्रिय और प्रगतिशील लोगों के साथ संपर्क बढ़ाना शामिल है।