विकास कार्यों से ध्यान भटकाने के लिए किया जा रहा है ‘असहनशीलता’ का दावा : हेपतुल्ला

विकास कार्यों से ध्यान भटकाने के लिए किया जा रहा है ‘असहनशीलता’ का दावा : हेपतुल्ला

नजमा हेप्‍तुल्‍ला (फाइल फोटो)

नई दिल्‍ली:

केंद्रीय मंत्री नजमा हेपतुल्ला ने बुधवार को कहा कि एनडीए सरकार के खिलाफ ‘असहनशीलता’ के दावे का उद्देश्य नरेन्द्र मोदी सरकार के विकास कार्यों से ध्यान भटकाना है और कहा कि सरकार संविधान और अल्पसंख्यकों के कल्याण की रक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है।

‘असहनशीलता के माहौल’ पर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप बढ़ने के बीच अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री हेपतुल्ला ने कहा कि विपक्षी दल ‘एक’ घटना को बढ़ा चढ़ाकर पेश कर रहे हैं क्योंकि मोदी सरकार के विकास का एजेंडा उन्हें नहीं पच रहा है। उन्होंने अल्पसंख्यकों में वर्तमान में विकास की कमी के लिए परोक्ष तौर पर पिछली सरकारों को जिम्मेदार ठहराया।

उन्होंने शाहरुख खान को सलाह दी कि असहिष्णुता पर शिकायत करने की बजाए लोगों का सहिष्णुता के लिए मार्गदर्शन करें। शाहरुख ने हाल में ‘असहिष्णुता’ पर चिंता जताई थी।

उन्होंने कहा, ‘मुझे उन लोगों के लिए दुख हो रहा है जो एक घटना का राजनीतिक लाभ ले रहे हैं, इसका राजनीतिकरण कर रहे हैं। यह उनकी राजनीति की कमजोरी है, उनके पास कोई कार्यक्रम नहीं है।’ उन्होंने कहा, ‘ये आरोप वास्तविकता के बिल्कुल विपरीत हैं और मोदी के विकास कार्यों से ध्यान भटकाने की योजना का हिस्सा हैं। सरकार अल्पसंख्यकों में विकास की कमी को पाटने और संविधान की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।’ हेपतुल्ला ने कहा कि डेढ़ वर्ष पहले जब उन्होंने मंत्रालय का प्रभार संभाला तो अल्पसंख्यकों में विकास की कमी सबसे ज्यादा थी और इसके लिए उन्होंने पिछली यूपीए सरकार को दोषी ठहराया।

उन्होंने कहा कि मोदी ने इस कमी को दूर करने के लिए अपना ‘पूरा’ समर्थन दिया है जिसमें अल्पसंख्यक समुदाय के युवकों को प्रशिक्षण देने से लेकर उनके आर्थिक और सामाजिक पिछड़ेपन को दूर करना शामिल है।

हेपतुल्ला ने कहा, ‘मैं एक ऐसे विभाग की प्रमुख हूं जो सामाजिक है जिसमें विकास की कमी सबसे ज्यादा है। इस दौरान मुझे नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार से पूरा समर्थन मिला है। इसलिए यह दावा करना कि असहिष्णुता है, मुझे ये दावे ठीक नहीं लग रहे।’ शाहरुख खान को सलाह देते हुए हेपतुल्ला ने उनसे कहा कि शिकायत करने के बजाए वह देश में सहिष्णुता और एकता की बात करें क्योंकि लोग उनकी बातों का अनुसरण करते हैं।

उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के सदस्य उनकी आलोचना नहीं करते अगर उन्होंने ऐसी टिप्पणी नहीं की होती।

उन्होंने कहा, ‘अगर उन्होंने इस तरह की बात नहीं कही होती तो मेरी पार्टी के लोग इस तरह की टिप्पणियां नहीं करते। मेरी पार्टी के लोगों ने खुद से ये टिप्पणियां नहीं कीं बल्कि केवल उनकी टिप्पणी पर प्रतिक्रिया जताई है।’ शाहरुख ने सोमवार को कहा था कि देश में ‘घोर असहिष्णुता’ है और कहा कि रचनात्मकता और धर्म के प्रति असहिष्णुता से देश को नुकसान होगा।

इस पर प्रतिक्रिया जताते हुए भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने मंगलवार को बॉलीवुड स्टार पर हमला करते हुए कहा कि वह भले ही भारत में रहते हैं लेकिन उनका ‘दिल’ पाकिस्तान में बसता है और उन्हें ‘देशविरोधी’ करार दिया।

हालांकि विजयवर्गीय ने बुधवार को अपने ट्वीट वापस ले लिए जबकि भाजपा ने उनकी टिप्पणियों से दूरी बनाते हुए कहा कि उन्होंने जो कहा है वह ‘भाजपा का विचार नहीं है।’ भाजपा के सांसद योगी आदित्यनाथ ने भी शाहरुख की तुलना पाकिस्तानी आतंकवादी हाफिज सईद से की और उन्हें पाकिस्तान चले जाने की सलाह दी।

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हेपतुल्ला ने वित्त मंत्री अरुण जेटली के इस बयान की प्रशंसा की कि भारत कभी भी असहिष्णु नहीं हो सकता। उन्होंने कहा, ‘भारत ने पूरी दुनिया के लोगों को गले लगाया है। अरुण जेटली ने जो कहा वह पूरी तरह सत्य है, हम पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा सहिष्णु हैं।’