ललित मोदी के खिलाफ ईडी ने सिंगापुर और मॉरिशस से मांगी कानूनी सहायता

ललित मोदी के खिलाफ ईडी ने सिंगापुर और मॉरिशस से मांगी कानूनी सहायता

फाइल फोटो : ललित मोदी

नई दिल्‍ली:

ललित मोदी के खिलाफ ईडी ने सिंगापुर और मॉरिशस से मांगी कानूनी सहायता आईपीएल में वित्‍तीय अनियमित्‍ता और उसके पूर्व चेयरमैन ललित मोदी पर लगे आरोपों की जांच को आगे बढ़ाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सिंगापुर और मॉरिशस से कानूनी सहायता मांगी है। अधिकारियों ने कहा, एजेंसी ने कानूनी तरीके को अपनाकर कोर्ट के जरिए दो लैटर रोगेटोरी (विदेशी न्यायिक अनुरोध) दोनों देशों को भेजे हैं, ताकि 2009 में सीरिज में मीडिया राइट देने के लिए पैसों के हेरफेर की जांच आगे बढ़ाई जा सके।

मोदी की चुनौती, मनी लांड्रिंग के आरोपों में सबूत पेश करे ईडी
उधर, अपने ब्रिटिश यात्रा दस्तावेजों के कारण विवाद के केंद्र में चल रहे आईपीएल के पूर्व आयुक्त ललित मोदी ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पर भी निशाना साधा और उसे चुनौती दी कि वह उनके खिलाफ लगाये गये धनशोधन (मनी लांड्रिंग) के आरोपों में सबूत पेश करे। ललित ने अपने धुर विरोधी और आईसीसी के वर्तमान चेयरमैन एन श्रीनिवासन पर उन तीन खिलाड़ियों का बचाव करने का आरोप लगाया जो चेन्नई सुपरकिंग्स की तरफ से खेलते हैं और जिन पर उन्होंने एक व्यवसायी से रिश्वत लेने के आरोप लगाए हैं।

मुंबई से टीम भेजी गई सिंगापुर
निदेशालय की मुंबई क्षेत्रीय कार्यालय से एक टीम को सिंगापुर भी भेजा गया हे, लेकिन अधिकारियों ने संकेत दिए है कि जांच टीम मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत किसी अन्‍य मामले की जांच के लिए गई है। हालांकि यह समझा जा रहा है कि टीम को इस डील केस से संबंधित कुछ महत्‍वपूर्ण सुराग हाथ लगे हैं, क्‍योंकि हाल ही में निदेशालय ने विदेशी मुद्रा उल्‍लंघन कानून के तहत ललित मोदी और 13 अन्‍य बीसीसीआई-आईपीएल अधिकारियों और अन्‍य को नोटिस भेजा है। इस मामले में दो आरोपी कंपनियां बाहरी देशों की हैं, लिहाजा विदेशी न्‍यायिक अनुरोध के जरिए ईडी आईपीएल में पैसों की लेनदेन और अंतरराष्‍ट्रीय वित्‍तीय डील से संबंधित और जानकारियां जुटाना चाहता है।

श्रीनिवासन ने की थी शिकायत
दरअसल, बीसीसीआई के पूर्व चीफ एन.श्रीनिवासन ने इस मामले में शिकायत की थी, जिसके बाद वर्ष 2010 मे चेन्‍नई पुलिस ने मोदी और अन्‍य के खिलाफ आईपीएल के टेलीकास्‍ट राइट्स प्रदान करने में क्रिकेट बॉडी से धोखाधड़ी करने और धन के गबन का मामला दर्ज किया था।

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वहीं, प्रवर्तन निदेशालय ने खुद मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज किया था और बाद में गुड़गांव और दिल्‍ली में जांच के सिलसिले में छापेमारी भी की थी।