वेबसाइट पर इस बात की जानकारी नहीं दी गई है कि खुफिया एजेंसियों को लेकर इस आकलन का आधार क्या है। एजेंसियों के आकार, प्रकार, पहुंच और असर या नतीजे किसी भी बात का ब्योरा नहीं दिया गया है, लेकिन, इस लिस्ट पर भरोसा करें तो भारत को अपनी खुफिया एजेंसी को और मज़बूत करने की दिशा में काम करना होगा।
ख़ासतौर पर जिस तरह से देश लगातार आतंकवादी खतरों और चुनौतियों से पार पाने की कोशिश में लगा है, ऐसे में खुफिया एजेंसी की भूमिका बहुत बड़ी हो जाती है। हर देश अपनी सुरक्षा संबंधी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए खुफिया एजेंसियों पर निर्भर करता है। वह खुफिया जानकारी ही होती है, जो किसी भी वारदात को अंजाम तक पहुंचने से पहले रोक सकती है। खुफिया एजेंसियां दूसरे देशों से जुड़ी खुफिया जानकारी में सेंध लगाने के लिए भी जानी जाती हैं, और दूसरे देशों की खुफिया एजेंसियों के असर को काटने के लिए अपनी खुफिया एजेंसी को ज़्यादा कारगर बनाना ज़रूरी होता है।
आईएसआई जैसी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी तो भारत की ज़मीन पर आतंकवाद और उपद्रव को बढ़ावा देने के लिए भी बदनाम है। सो, ऐसे में अगर आईएसआई को सबसे ताकतवर एजेंसी के तौर पर शुमार किया गया है, तो यह भारत के लिए और चिंता की बात है।
हालांकि राहत की एक बात है, तो यह कि चीन की खुफिया एजेंसी एमएसएस, रॉ से एक पायदान नीचे नंबर नौ पर है। हैरानी की बात है कि इस्राइल की एजेंसी मोसाद, जिसके चर्चे चारों तरफ होते हैं, 10वें नंबर पर है।
रॉ की स्थापना वर्ष 1968 में की गई थी, और इस पर खासतौर से विदेशी धरती पर भारत के खिलाफ रची जाने वाली साज़िशों या योजनाओं का पता लगाने, अपराधियों और आतंकवादियों के बारे में जानकारी इकट्ठा करने और उसके हिसाब से देश के नीति-निर्माताओं को जानकारी मुहैया कराने की ज़िम्मेदारी है, ताकि देश और इसके लोगों की सुरक्षा संबंधी नीतियों को असरदार तरीके से बनाया और लागू किया जा सके।
इस लिस्ट में शामिल 10 सबसे ताकतवर खुफिया एजेंसियां इस प्रकार हैं...
1. आईएसआई, पाकिस्तान
2. सीआईए, अमेरिका
3. एमआई 6, यूके
4. एफएसबी, रूस
5. बीएनडी, जर्मनी
6. डीजीएसई, फ्रांस
7. एएसआईएस, ऑस्ट्रेलिया
8. रॉ, भारत
9. एमएसएस, चीन
10. मोसाद, इस्राइल