यह ख़बर 18 दिसंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

ज़की-उर-रहमान लखवी को पाकिस्तान में जमानत मिलना दुर्भाग्यपूर्ण : राजनाथ सिंह

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह

नई दिल्ली:

मुंबई पर हुए 26/11 हमले के मास्टरमाइंड लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर ज़की-उर-रहमान लखवी को पाकिस्तानी अदालत से जमानत मिल जाने पर भारतीय गृह मंत्रालय ने तीखी प्रतिक्रिया दी, और केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पेशावर में आर्मी स्कूल में बच्चों के कत्लेआम के बाद भी इस तरह का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है।

पत्रकारों से बातचीत में राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत सरकार ने पूरे सबूत एक बार नहीं, कई बार पाकिस्तान को सौंपे हैं, लेकिन इसके बावजूद यह हुआ (जमानत मिल गई), जो अच्छा नहीं है। उन्होंने उम्मीद जताई कि पाकिस्तान सरकार इस आदेश के खिलाफ इससे बड़ी अदालत में अपील करेगी, ताकि मुंबई में हुए 26/11 हमले से जुड़ा मामला किसी तार्किक नतीजे तक पहुंचे। राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान को इस मामले को किसी सही नतीजे तक पहुंचाने के प्रति अधिक गंभीरता दिखानी चाहिए।

गृहमंत्री ने मुंबई पर हुए 26/11 हमले से जुड़े मामले में भारत सरकार द्वारा दिखाई और केस को जल्दी ही अंजाम तक पहुंचाने की सराहना की, और उसकी तुलना पाकिस्तान में चल रहे केस से की। गौरतलब है कि भारत ने ज़की-उर-रहमान लखवी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर रखा है और कई बार पाकिस्तान सरकार से लखवी के आवाज़ के नमूने मांगे गए हैं, लेकिन पाकिस्तान ने यह कहते हुए सैंपल देने से इनकार कर दिया कि उनकी अदालत इस बात की इजाज़त नहीं देतीं।

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भारत के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम ने यहां तक पेशकश दी थी कि अगर लखवी की आवाज़ के नमूने पाकिस्तान भारत को नहीं सौंप सकता, तो अमेरिका को सौंप दे, लेकिन पाकिस्तान ने उसे भी ठुकरा दिया। उधर, पाकिस्तान का एक न्यायिक आयोग भी भारत आकर कुछ गवाहों के बयान सबूत के तौर पर ले गया था, लेकिन उन बयानों को पाकिस्तान की अदालत ने यह कहते हुए ठुकरा दिया था कि जब तक गवाह क्रॉस-एक्ज़ामिन नहीं किए जाएंगे, इन बयानों का कोई अर्थ नहीं है।