गुजरात : 'उम्र नहीं, अमित शाह हैं कारण', आनंदीबेन पटेल के इस्‍तीफे के एक दिन बाद बोले समर्थक

गुजरात : 'उम्र नहीं, अमित शाह हैं कारण', आनंदीबेन पटेल के इस्‍तीफे के एक दिन बाद बोले समर्थक

गुजरात की सीएम आनंदीबेन पटेल ने सोमवार को फेसबुक के जरिये इस्‍तीफा दिया है

खास बातें

  • बीजेपी संसदीय बोर्ड करेगा आनंदी बेन के उत्तराधिकारी के बारे में फैसला
  • पटेल आंदोलन, दलित उत्‍पीड़न मामले में उचित कदम न उठाने का आरोप
  • समर्थकों का आरोप, अमित शाह के कथित हस्‍तक्षेप से परेशान थीं सीएम
अहमदाबाद:

फेसबुक पर गुजरात की मुख्‍यमंत्री आनंदीबेन पटेल के इस्‍तीफे के एक दिन बाद अब लोगों का ध्‍यान इसी बात पर केंद्रित है कि राज्‍य में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले उनके विकल्‍प के रूप में बीजेपी किसे चुनती है. राज्‍य के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री नितिन पटेल और गुजरात के बीजेपी प्रमुख फिलहाल दौड़ में सबसे आगे चल रहे हैं.

बीजेपी अध्‍यक्ष अमित शाह ने कहा कि पार्टी की सर्वोच्‍च बॉडी, संसदीय बोर्ड यह फैसला करेगा कि आनंदीबेन पटेल की जगह कौन लेगा. उन्‍होंने कहा कि आनंदीबेन ने सीएम पद इसलिए छोड़ा है क्‍योंकि वे जल्‍द ही 75 वर्ष की हो जाएंगी और उन्‍होंने युवाओं को प्रोत्‍साहित करने के लिए बुजुर्ग नेताओं के रिटायर करने के पार्टी के सिद्धांत का सम्‍मान किया है.

आनंदीबेन पर गुजरात के दो महत्‍वपूर्ण घटनाक्रम, पटेल आंदोलन और गो रक्षकों द्वारा चार युवाओं को निर्दयतापूर्वक पीटने के कारण उभरे दलितों के गुस्‍से के मामले को ठीक तरह से 'हेंडल' नहीं कर पाने का आरोप लगा है. ऐसे में उनके उत्‍तराधिकारी के सामने 2017 के विधानसभा चुनावों के पहले चीजों को प्राथमिकता के आधार पर ठीक करने की कठिन चुनौती होगी. स्‍थानीय बीजेपी नेताओं की शिकायत है कि पार्टी ने लगभग 25 वर्ष के शासनकाल में जो लोकप्रियता हासिल की थी उसे आनंदीबेन ने नुकसान पहुंचाया है, लेकिन 'सीएम' के नजदीकी सूत्रों के अनुसार, आनंदीबेन का मानना है कि आंदोलनों को पार्टी में मौजूद उनके विरोधियों ने ही हवा दी.

गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी की बंपर जीत और पीएम मोदी के दिल्‍ली जाने के बाद, नरेंद्र मोदी ने आनंदीबेन को गुजरात के मुख्‍यमंत्री के रूप में चुना था. सूत्र बताते हैं कि आनंदीबेन पटेल राज्‍य के प्रशासन में अमित शाह के कथित हस्‍तक्षेप से परेशान थीं. बताया जाता है कि शाह के साथ उनके संबंध बहुत अच्‍छे नहीं है. इन सूत्रों ने यह आरोप तक लगाया कि राज्‍य के अधिकारी मुख्‍यमंत्री की अनदेखी करते हुए सीधे शाह के पास 'अप्रोच' करते थे. उन्‍होंने कहा कि दबाव नहीं होता तो वे नवंबर में अपने 75वें बर्थडे के पहले पद नहीं छोड़तीं.  

गुजरात के अगले सीएम पद की होड़ वाले नेताओं में विजय रुपानी भी हैं. जैन नेता रूपानी को अमित शाह और पीएम मोदी, दोनों का करीबी माना जाता है. राज्‍य के प्रशासन पर भी रूपानी की अच्‍छी पकड़ बताई जाती है. सीएम पद के एक और दावेदार नितिन पटेल हैं जो गुजरात सरकार में कई मंत्रालय संभाल चुके हैं. आनंदीबेन की ही तरह वे उत्‍तरी गुजरात से पटेल नेता हैं. वे उस समिति के प्रमुख थे जिसने पाटीदार आंदोलन के बाद सरकारी नौकरियों और कॉलेजों में आरक्षण के मसले पर पाटीदार नेताओं से बातचीत की थी. हालांकि पटेल आंदोलन के नेता 23 वर्षीय हार्दिक पटेल की राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तारी की उनकी सलाह को अविवेकपूर्ण सलाह के रूप में देखा जा रहा है. मंत्रीजी ने जब भी अपने गृह जिले मेहसाणा का दौरा किया, पटेल आंदोलन से जुड़े नेताओं ने हर बार उनका विरोध किया.


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