सिर्फ नरेंद्र मोदी नहीं, और भी नेता हैं जो मुख्यमंत्री से प्रधानमंत्री बने

सिर्फ नरेंद्र मोदी नहीं, और भी नेता हैं जो मुख्यमंत्री से प्रधानमंत्री बने

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

देश में एक राज्य के मुख्यमंत्री रहने से प्रधानमंत्री पद तक की दूरी जब नरेंद्र मोदी ने तय की, तब तमाम लोगों का कहना था कि एक सीएम का कद इतना बढ़ गया कि वह पीएम पद तक पहुंच गया। यह बात दीगर है कि पहले मीडिया इस प्रकार निजी ज़िन्दगी के कद की बात कम करता रहा था, लेकिन अब निजी जीवन को ज़्यादा तवज्जो मिलने लगी है। उपलब्धि हो या कमी, सभी उजागर करने का काम मीडिया कर रहा है।

आइए जानते हैं, देश के उन नेताओं के बारे में, जिन्होंने किसी राज्य की राजनीति से सफर शुरू किया और देश की केंद्रीय राजनीति तक ही नहीं पहुंचे, प्रधानमंत्री के पद को भी सुशोभित किया।

मोरारजी देसाई
मोरारजी देसाई (29 फरवरी, 1896 – 10 अप्रैल, 1995) भारत के स्वाधीनता सेनानी और स्वतंत्र भारत के चौथे प्रधानमंत्री (जवाहरलाल नेहरू, लालबहादुर शास्त्री तथा इंदिरा गांधी के बाद वर्ष 1977 से 79 तक) थे। वह प्रथम प्रधानमंत्री थे, जो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नहीं थे। मोरारजी के बारे में यह खास बात कम ही लोगों को पता होगी कि वही एकमात्र व्यक्ति हैं, जिन्हें भारत के सर्वोच्च सम्मान भारतरत्न एवं पाकिस्तान के सर्वोच्च सम्मान 'निशान-ए-पाकिस्तान' से सम्मानित किया गया है।
 


स्वतंत्रता संग्राम में भागीदारी के कारण मोरारजी देसाई के कई वर्ष जेलों में गुज़रे। देश की आज़ादी के समय राष्ट्रीय राजनीति में उनका नाम काफी वज़नदार हो चुका था, लेकिन मोरारजी का पहला प्यार राज्य की राजनीति रही। यही कारण है कि वर्ष 1952 में इन्हें बंबई का मुख्यमंत्री बनाया गया। इस समय तक गुजरात तथा महाराष्ट्र बंबई प्रोविन्स के नाम से जाने जाते थे और दोनों राज्यों का पृथक गठन नहीं हुआ था।

चौधरी चरण सिंह
चौधरी चरण सिंह (23 दिसंबर, 1902 - 29 मई, 1987) स्वतंत्र भारत के पांचवें प्रधानमंत्री थे। उन्होंने यह पद 28 जुलाई, 1979 से 14 जनवरी, 1980 तक संभाला। चौधरी चरण सिंह ने अपना सम्पूर्ण जीवन भारतीयता और ग्रामीण परिवेश की मर्यादा में जिया।
 


कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन (1929) में पूर्ण स्वराज्य के उद्घोष से प्रभावित होकर चरण सिंह ने गाजियाबाद में कांग्रेस कमेटी का गठन किया। वर्ष 1930 में महात्मा गांधी द्वारा सविनय अवज्ञा आंदोलन के तहत नमक कानून तोड़ने का आह्वान किया गया। गांधी जी ने 'दांडी मार्च' निकाला। आजादी के दीवाने चरण सिंह ने गाजियाबाद की सीमा पर बहने वाली हिंडन नदी पर नमक बनाया, गिरफ्तार हुए और छह महीने के लिए जेल भेज दिए गए।

कांग्रेस विभाजन के बाद फरवरी, 1970 में दूसरी बार वह कांग्रेस पार्टी के समर्थन से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। हालांकि राज्य में 2 अक्टूबर, 1970 को राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया था। 28 जुलाई, 1979 को चौधरी चरण सिंह समाजवादी पार्टियों तथा कांग्रेस (यू) के सहयोग से प्रधानमंत्री बने।

विश्वनाथ प्रताप सिंह
विश्वनाथ प्रताप सिंह भारत के सातवें नेता थे, जो प्रधानमंत्री पद तक पहुंचे, और वह भी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके थे। प्रशासन के सर्वोच्च पद पर उनका काल एक साल से भी कम रहा - 2 दिसंबर, 1989 से 10 नवंबर, 1990 तक। विश्वनाथ प्रताप सिंह (जन्म - 25 जून, 1931 - उत्तर प्रदेश में; मृत्यु - 27 नवंबर, 2008 - दिल्ली में) राजीव गांधी सरकार के पतन के कारण प्रधानमंत्री बने थे, और आम चुनाव में कांग्रेस को पछाड़कर 2 दिसंबर, 1989 को यह पद प्राप्त किया था।
 


इससे पहले उन्होंने उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री पद का कार्यभार भी संभाला था। मुख्यमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल 9 जून, 1980 से 28 जून, 1982 तक चला था, और इसके पश्चात 29 जनवरी, 1983 को वह केंद्रीय वाणिज्य मंत्री बना दिए गए थे।

पीवी नरसिम्हा राव
पामुलापति वेंकट नरसिम्हा राव (जन्म - 28 जून, 1921, मृत्यु - 23 दिसंबर, 2004) भारत के नौवें प्रधानमंत्री के रूप में जाने जाते हैं। 'लाइसेंस राज' की समाप्ति और भारतीय अर्थनीति में खुलापन (उदारीकरण) उनके प्रधानमंत्रित्व काल में ही आरंभ हुआ।
 


पेशे से कृषि विशेषज्ञ एवं वकील नरसिम्हा राव राजनीति में आए एवं कुछ महत्वपूर्ण विभागों का कार्यभार संभाला। वह आंध्र प्रदेश सरकार में 1962 से 64 तक कानून एवं सूचना मंत्री, 1964 से 67 तक कानून मंत्री, 1967 में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा मंत्री एवं 1968 से 1971 तक शिक्षा मंत्री रहे। वह 1971 से 73 तक आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे।

हरदनहल्ली डोड्डागौड़ा देवेगौड़ा
सामाजिक-आर्थिक विकास और भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के पुरजोर समर्थक तथा देश के 11वें प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा (प्रधानमंत्रित्व काल 1 जून, 1996 – 21 अप्रैल, 1997) का जन्म 18 मई, 1933 को कर्नाटक के हासन जिले के होलेनारासिपुरा तालुक के हरदनहल्ली गांव में हुआ था।
 


पूर्व पीएम देवेगौड़ा 20 साल की उम्र में अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद राजनीति में आ गए थे, और 1953 में वह कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए और 1962 तक इसके सदस्य बने रहे। 1994 में वह जनता दल के अध्यक्ष बने। उसी साल राज्य में जनता दल की जीत के सूत्रधार वही थे। वह जनता दल विधायक दल के नेता चुने गए और 11 दिसंबर, 1994 को कर्नाटक के 14वें मुख्यमंत्री बने। इसके बाद उन्होंने रामनगर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और भारी बहुमत से जीत हासिल की।

देवेगौड़ा के पास तीसरे मोर्चे (क्षेत्रीय दलों और गैर-कांग्रेस और गैर-भाजपा समूह का गठबंधन) के नेतृत्व का अवसर अचानक ही आया, जो उन्हें प्रधानमंत्री के पद तक ले गया। 30 मई, 1996 को देवेगौड़ा ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली।

नरेंद्र दामोदरदास मोदी
नरेंद्र मोदी ने 26 मई, 2014 को भारत के 14वें प्रधानमंत्री के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ग्रहण की, और वह भारत के ऐसे पहले प्रधानमंत्री हैं, जिनका जन्म स्वतंत्र भारत में हुआ। नरेंद्र मोदी का जन्म 17 सितंबर, 1950 को गुजरात के एक छोटे-से शहर में हुआ।
 


कहा जाता है कि जीवन की आरंभिक कठिनाइयों ने उन्हें कठिन परिश्रम का मूल्य सिखाया। प्रारंभिक वर्षों में उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के साथ कार्य किया एवं इसके उपरांत वह राज्यस्तर व राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय जनता पार्टी संगठन के साथ कार्य करते हुए राजनीति से जुड़ गए।

वर्ष 2001 में वह अपने गृहराज्य गुजरात के मुख्यमंत्री बने, और इस पद पर लगातार चार कार्यकाल पूरे किए।

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(सूचना साभार : पीएमओ और विकीपीडिया)