स्थापना दिवस पर उत्सवी रंग में डूबी जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी

स्थापना दिवस पर उत्सवी रंग में डूबी जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी

जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में एक स्टाल पर अपना हुनर दिखाते हुए छात्र।

नई दिल्ली:

सन 1920  में कायम जामिया मिल्लिया इस्लामिया केंद्रीय यूनिवर्सिटी तीन दिन तक उत्सव के रंग में डूबी रही। इस प्रतिष्ठित शिक्षा संस्थान ने अपनी स्थापना के 95 साल पूरे होने पर तीन दिन का उत्सव पूरे जोश के साथ मनाया। इस मौके पर जहां यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों की सक्रिय भागीदारी में मेले का आयोजन हुआ वहीं पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की मूर्ति का अनावरण करके उनकी स्मृति को चिरस्थाई बनाया गया। इसके अलावा सांस्कृतिक आयोजनों ने इस उत्सव की शामें रंगीन बनाईं।

स्थापना दिवस पर सजा यूनिवर्सिटी कैम्पस।

तालीमी मेले का आयोजन
जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी की स्थापना के 95 साल पूरे होने पर फाउंडेशन डे के उपलक्ष्य में 3 दिवसीय तालीमी मेले का आयोजन किया गया। इस आयोजन का उद्घाटन प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री डॉक्टर जितेन्द्र सिंह ने किया। इस मौके पर जितेन्द्र सिंह ने कहा कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया शिक्षा के क्षेत्र में बुलंदियों को छू रही है। आजादी के बाद और उससे पहले भी यहां के छात्रों ने हर मैदान में अपना सिक्का जमाया है। जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर तलत अहमद ने कहा कि उनकी कोशिश रहेगी कि जामिया यूनिवर्सिटी में हिंदी ओर उर्दू भाषाओं को खास तवज्जो दी जाए। अपनी भाषा में बात करने पर गर्व महसूस करना चाहिए।

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की प्रतिमा का अनावरण
इस मौके पर जम्मू और कश्मीर के राज्यपाल एनएन वोहरा ने दिवंगत राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की मूर्ति का अनावरण किया। इस मौके पर  चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में मिलकर काम करने के लिए जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्विद्यालय और जामिया हमदर्द विश्विद्यालय ने एक अहम समझौता किया।
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मेले में विद्यार्थियों की सक्रिय भागीदारी
29 से 31 अक्टूबर तक चले इस प्रोग्राम के तहत लगे मेले में जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के सभी संकायों ने अपने-अपने स्टाल लगाए। इन स्टालों पर उन्होंने मेले में आने वाले लोगों को जानकारियां दीं और अपने विभिन्न हुनरों से भी परिचित कराया। मेले में आने वाले लोगो को मुफ्त किताबे भी दी गईं। मेले में जहां एक ओर अंसारी ऑडिटोरियम में मुंशी प्रेमचंद की कहानियों पर डॉक्यूमेंट्री दिखाई गई वहीं दूसरी ओर डॉक्टर ज़ाकिर हुसैन लाइब्रेरी में डॉक्टर ज़ाकिर हुसैन की खिदमात पर नुमाईश लगी। एमएफ हुसैन आर्ट गैलरी में चित्र प्रदर्शनी आयोजित की गई। नुक्कड़ नाटक, सांस्कृतिक कार्यक्रमों के तहत निज़ामी ब्रदर्स की कव्वाली, शाम-ए-ग़ज़ल और मुशायरे का आयोजन भी किया गया जिनका लोगों ने जमकर लुत्फ उठाया।