यह ख़बर 13 जुलाई, 2011 को प्रकाशित हुई थी

1993 से ही आतंकवादियों के निशाने पर रहा है जावेरी बाजार

खास बातें

  • दक्षिण मुंबई के इस बाजार को पहली बार अगस्त 1993 में निशाना बनाया गया था जब देश की आर्थिक राजधानी में सिलसिलेवार हुए 13 बम विस्फोटों में 257 लोगों की मौत हो गई थी।
मुंबई:

मुंबई में बुधवार को हुए विस्फोटों में सर्वाधिक लोगों के हताहत होने की खबर आभूषणों की दुकानों के लिए प्रसिद्ध जावेरी बाजार से आई है जो 1993 से ही आतंकवादियों के निशाने पर रहा है। दक्षिण मुंबई के इस बाजार को पहली बार अगस्त 1993 में निशाना बनाया गया था जब देश की आर्थिक राजधानी में सिलसिलेवार हुए 13 बम विस्फोटों में 257 लोगों की मौत हो गई और 700 से अधिक लोग घायल हो गए थे। पुलिस ने तब जावेरी बाजार में खड़े एक स्कूटर में रखे बम को निष्क्रिय करने में सफलता प्राप्त की थी। हालांकि अगस्त 2003 में आतंकवादी अपनी साजिश को अंजाम देने में सफल रहे और जावेरी बाजार में हुए विस्फोट में 54 लोगों की जान चली गई। व्यस्त बाजार की सकरी गलियों में कई दुकानें हैं जहां पूरे साल भीड़भाड़ और चहल पहल रहती है। आज विस्फोट एक भोजनालय के बाहर हुआ जहां लोग आम तौर पर चाय नाश्ता करते हैं और मिलते हैं। शाम को यहां सबसे ज्यादा भीड़ रहती है।


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