मुंबई : कालबादेवी की एक इमारत में आग बुझाने गए 2 अग्निशमन कर्मियों की जलकर मौत

मुंबई : कालबादेवी की एक इमारत में आग बुझाने गए 2 अग्निशमन कर्मियों की जलकर मौत

मुंबई:

दक्षिण मुंबई के कालबादेवी इलाके में शनिवार रात गोकुल निवास नाम की बिल्डिंग में आग बुझाने गए, दो दमकल कर्मियों की मौत हो गई है, जबकि 2 बुरी तरह घायल हैं। आग लगने की वजह से 4 मंज़िला ये इमारत पूरी तरह ज़मींदोज हो गई थी।

इमारत से लोगों को बचाने और आग बुझाने में एडिश्नल डिविजनल फायर अफसर एस राणे और स्टेशन अफसर एमडी देसाई की मौत हो गई, रविवार को मुंबई फायर ब्रिगेड मुख्यालय में दोस्तों, सहकर्मियों और परिवार ने उन्हें आख़िरी विदाई दी।

दोनों दमकल अधिकारियों की आख़िरी विदाई के दौरान पूरा माहौल ग़मग़ीन था, इस मौके पर एमडी देसाई की पत्नी सुनीता देसाई ने सरकार से उन्हें वित्तीय सुरक्षा देने की मांग की उन्होंने कहा, 'मुझे नौकरी और सरकारी घर चाहिए, मेरी बेटी मेडिकल की पढ़ाई कर रही है, मैं उसकी फीस नहीं भर सकती।' मेरी पूरी दुनिया एक दिन में उजड़ गई, वो कल दफ्तर, कहा था शाम को फिल्म देखने जाएंगे, लेकिन वो गए फिर कभी वापस नहीं लौटे।'

हादसे में चीफ फायर अफसर सुनील नेसीरकर 50 फीसदी से ज्यादा झुलस चुके हैं, जबकि उनके डेप्युटी एसडी अमीन 90 फीसदी तक, दोनों को नवी मुंबई स्थित ऐरोली के बर्न सेंटर में भर्ती कराया गया है। दोनों अधिकारी बिल्डिंग के दूसरे माले में रखे सिलेंडर ब्लास्ट की चपेट में आ गए। इमारत में फंसे लोगों को तो दमकलकर्मियों ने बचा लिया, लेकिन आग के शोलों से खुद को नहीं बचा पाए।

इस आग ने एक बार फिर दमकलकर्मियों और आग से लड़ने वाले उनके औजारों पर सवाल खड़े किए हैं। इस मामले में सवाल पूछे जाने पर डिप्टी चीफ फायर अफसर पी एस रहंगदले ने कहा, 'कोई कपड़ा फायरप्रूफ नहीं होता, जब पूरी बिल्डिंग से आग की लपटें उठ रही हों, और ऊपर से मलबा गिर रहा हो तो बचना मुश्किल है।'

उधर मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस ने ट्वीट कर मृतकों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करते हुए बताया है कि मामले में जांच के आदेश दे दिए गए हैं। वहीं मुंबई महानगरपालिक ने परिवार को हर मुमकिन मदद का भरोसा दिया है। मुंबई के मुख्य अग्निशमन अधिकारी सुनील नेसीरकर ने खराब क्वॉलिटी के अपनी वर्दी की शिकायत की थी, लेकिन मुंबई की मेयर का कहना है ऐसी कोई शिकायत उन्हें कभी नहीं मिली। मुंबई की मेयर स्नेहल अंबेकर ने कहा, 'उन्होंने मुझसे कभी कोई शिकायत नहीं की, लेकिन अगर ऐसा कोई मुद्दा है तो हम अधिकारियों के साथ बैठकर इसका हल निकालेंगे।'

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मुंबई में हज़ारों खतरनाक इमारतें हैं, ऐसे में आग से लड़ने की मुक्कमल तैयारी के लिए शायद बैठकों का वक्त नहीं है। दमकलकर्मी शहर को मुस्तैदी और जानपर खेलकर आग से बचाते हैं, उन्हें बचाने के लिए प्रशासन को भी वैसी संवेदनशीलता और जल्दबाजी दिखानी होगी।