यह ख़बर 03 दिसंबर, 2011 को प्रकाशित हुई थी

अवैध खनन : कृष्णा सहित 3 पूर्व मुख्यमंत्री मुश्किल में

खास बातें

  • कर्नाटक की एक निचली अदालत ने राज्य में अवैध खनन मामले में तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों की कथित भूमिका की जांच का आदेश दिया है।
बेंगलुरू:

कर्नाटक की एक निचली अदालत ने शनिवार को राज्य में अवैध खनन मामले में तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों की कथित भूमिका की जांच का आदेश दिया है। इसमें विदेश मंत्री एसएम कृष्णा का नाम भी शामिल है। बेंगलुरू के एक व्यवसायी की शिकायत पर लोकायुक्त की विशेष अदालत ने पुलिस को निर्देश जारी किए। कृष्णा के अलावा दो अन्य पूर्व मुख्यमंत्रियों में कांग्रेस केएन धरम सिंह और जनता दल-सेक्युलर के एचडी कुमारस्वामी के कार्यकाल के दौरान उनकी भूमिका की जांच होगी। ज्ञात हो कि धरम सिंह ने वर्ष 2005-06 के दौरान राज्य में पहली गठबंधन सरकार कांग्रेस एवं जनता दल-सेक्युलर का नेतृत्व किया और जद-एस के कार्यकारी अध्यक्ष एचडी कुमारस्वामी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ अगली गठबंधन सरकार (फरवरी 2006 से अक्टूबर 2007) का नेतृत्व किया। वर्तमान में कुमारस्वामी रमनगारा निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा सांसद हैं। शहर के एक व्यापारी की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए न्यायाधीश एनके सुधींद्र राव ने पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक एचएन सत्यनारायण राव को तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों और 11 अधिकारियों के खिलाफ लगे आरोपों की जांच करने के लिए कहा। न्यायाधीश ने पुलिस को छह जनवरी तक रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है। व्यवसायी टीजे अब्राहम ने अपनी शिकायत के समर्थन में राज्य में वर्ष 2000 से 2010 के दौरान हुए करोड़ों रुपये के अवैध खनन पर पूर्व लोकायुक्त एन. संतोष हेगड़े द्वारा तैयार पहली और अंतिम रिपोर्ट लगाई है। अब्राहम ने साथ ही राज्य के खान एवं भूविज्ञान विभाग के भी दस्तावेज सौंपे हैं। न्यायाधीश ने उन्हें आरोपियों के खिलाफ अतिरिक्त दस्तावेज सौंपने के लिए कहा है। कृष्णा जो अक्टूबर 1999 से अप्रैल 2004 तक राज्य में कांग्रेस के मुख्यमंत्री रहे, उन पर लौह अयस्क खानों से समृद्ध बेल्लारी जिले के वन क्षेत्र को खनन के लिए अनुमति देने का आरोप है। आरोप यह भी है कि इस दौरान खनन कम्पनियों ने पर्यावरण के नियमों का उल्लंघन किया। कृष्णा पर यह भी आरोप है कि उन्होंने अपने परिजनों के नाम से काफी धन जुटाया। धरम सिंह पर आरोप है कि उन्होंने खेती की भूमि से लौह एवं मैंगनीज अयस्क को ले जाने के लिए स्थायी रूप से परिवहन अनुमति को मंजूरी दी। इससे राजस्व को 23.22 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। जबकि कुमारस्वामी पर आरोप है कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान अवैध रूप से साईं व्यंकटेश्वर मिनरल्स को खनन का लाइसेंस दिया और जंथाकल इंटरप्राइजेज के लाइसेंस का नवीनीकरण किया। आरोपी अधिकारियों में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के आईआर पेरूमल, महेंद्र जैन, के.एस. मंजूनाथ (सेवानिवृत्त) और डीएस अश्वाथ (सेवानिवृत्त),खान एवं भूविज्ञान विभाग के पूर्व निदेशक बसप्पा रेड्डी, सरकार द्वारा संचालित मैसूर मिनरल्स लिमिटेड के उप महाप्रबंधक के. श्रीनिवास, एम. रमप्पा एवं शंकरलिंगै और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के पूर्व अधिकारी जीजा माधवन हरि सिंह शामिल हैं।


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