कर्नाटक : राज्यसभा चुनाव में विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोपों से घिरी कांग्रेस

कर्नाटक : राज्यसभा चुनाव में विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोपों से घिरी कांग्रेस

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की फाइल तस्वीर

बेंगलुरु:

कर्नाटक के तकरीबन एक दर्जन निर्दलीय विधायकों को लेकर कांग्रेस के दो विधायक रविवार को रात में मुंबई पहुंचे। यह वे निर्दलीय विधायक हैं जो राज्यसभा चुनावों में कांग्रेस के तीसरे उम्मीदवार राममूर्ति को समर्थन दे रहे हैं।

जेडीएस पर निर्दलियों पर दबाव बनाने का आरोप
कांग्रेस शासित कर्नाटक में राज्य के ऊर्जा मंत्री डीके शिवकुमार राज्यसभा चुनावों का प्रबंधन पार्टी की तरफ से देख रहे हैं। उन्होंने बताया कि देवेगौड़ा की पार्टी जनता दल सेक्युलर की तरफ से इन विधायकों पर काफी दबाव बनाया जा रहा है और मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया जा रहा है। ऐसे में हो सकता है कि सुरक्षित स्थान के तौर पर उन्होंने मुम्बई जाने का फैसला किया हो। हालांकि सोमवार को सुबह इनमें से दो विधायक जिनमें निर्दलीय वर्तुर प्रकाश शामिल हैं वापस आ गए। हालांकि वे कांग्रेस के साथ हैं।

राज्यसभा की 4 सीटों के लिए 5 उम्मीदवार
कर्नाटक में राज्यसभा की 4 सीटों के लिए चुनाव होना था लेकिन 5 उम्मीदवार खड़े हो गए। तीन कांग्रेस से एक बीजेपी और एक जेडीएस से। राज्यसभा में एक सांसद चुनने के लिए 46 विधायक चाहिए। कांग्रेस के पास 122 हैं। यानी दो सांसदों की जीत सुनिश्चित करने के बाद तीसरे उम्मीदवार पूर्व आईपीएस अधिकारी राममूर्ति की जीत के लिए अब भी 16 विधाएकों की जरूरत है। जेडीएस के 5 बागी विधायकों का समर्थन इस तीसरे उम्मीदवार को मिल रहा है। बचे हुए 11 के लिए कांग्रेस ने 14 निर्दलीय विधायकों के खेमे में सेंधमारी की कोशिश की है।

कांग्रेस पर प्रलोभन देने का आरोप
इन निर्दलीय विधायकों के साथ कांग्रेस के कुछ विधायक मुंबई गए हैं। जेडीएस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी का आरोप है कि जो निर्दलीय विधायक पहले जेडीएस के साथ थे। उन्हें प्रलोभन देकर कांग्रेस ने अपनी तरफ मिलाया है।

बीजेपी को कम पड़ रहा एक वोट
जेडीएस उम्मीदवार बिल्डर एम फारूक़ 5 विधायकों की बगावत की वजह से अलग-थलग पड़ गए हैं। जेडीएस के 40 विधायक हैं। पांच की बगावत की वजह से अब तादाद घाटकर 35 रह गई है। वहीं बीजेपी के 45 विधायक हैं। यानी उसे भी एक वोट कम पड़ रहा है। लेकिन बीजेपी के लिए यह कोई समस्या नहीं है। मामला कांग्रेस के राममूर्ति और जेडीएस के फारूक़ के बीच फंसा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश और ऑस्कर फर्नांडिस एवं बीजेपी की निर्मला सीतारमण की जीत निश्चित मानी जा रही है।


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