यह ख़बर 14 फ़रवरी, 2012 को प्रकाशित हुई थी

मौत की जगह उम्रकैद मांग रहा है कसाब

खास बातें

  • मुंबई आतंकी हमला मामले में दोषी ठहराए गए अभियुक्त कसाब ने उच्चतम न्यायालय से अनुरोध किया कि उसे सुनाई गई मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया जाए।
नई दिल्ली:

मुंबई आतंकी हमला मामले में दोषी ठहराए गए अभियुक्त मोहम्मद अजमल आमिर कसाब ने मंगलवार को उच्चतम न्यायालय से अनुरोध किया कि उसे सुनाई गई मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया जाए।

कसाब का बचाव करने की खातिर अदालत की सहायता के लिए शीर्ष अदालत द्वारा नियुक्त वरिष्ठ वकील राजू रामचंद्रन ने न्यायमूर्ति आफताब आलम की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष कहा कि वह राष्ट्र के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए किसी बड़े षड्यंत्र का हिस्सा नहीं था।

कसाब की उम्र पर जोर देते हुए उन्होंने नरम रवैया अपनाने का अनुरोध किया क्योंकि वह गलत विचारधारा और धार्मिक भावना भड़काए जाने के कारण इसमें शामिल हुआ।

उन्होंने कहा, ‘उच्चतम न्यायालय के सामने उम्र कैद और अपरिवर्तनीय मौत की सजा का विकल्प है। अति सख्त सजा की पुष्टि करना विवेकपूर्ण नहीं होगा।’कसाब का प्रतिनिधित्व करते हुए रामचंद्रन ने कहा, ‘यहां तक कि मैं भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत दोषी भी हूं तो भी यह नहीं कहा जा सकता कि मैं युद्ध छेड़ने के लिए किसी बड़े षडयंत्र का हिस्सा हूं।’

रामचंद्रन ने दावा किया कि अभियोजन उसके खिलाफ मामले को साबित करने में नाकाम रहा है। उन्होंने कहा कि सुनवाई के दौरान अपना बचाव करने का अधिकार और किसी वकील के जरिए बचाव के अधिकार का उल्लंघन हुआ। उच्चतम न्यायालय ने 10 अक्तूबर 2011 को 24 वर्षीय कसाब को सुनाई गई मौत की सजा पर रोक लगा दी थी।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

बंबई उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए कसाब ने विशेष अनुमति याचिका दायर की है जिसमें उन्होंने दावा किया कि उसे घृणित अपराध को अंजाम देने के लिए ‘ब्रेनवाश’ किया गया और कम उम्र होने के नाते वह मौत की सजा का हकदार नहीं है।