घाटी में लौटने के मुद्दे पर कश्मीरी पंडितों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर किया प्रदर्शन

नई दिल्ली:

कश्मीरी पंडितों ने घाटी में अपनी वापसी को लेकर कोई निर्णय करने से पहले अपने समुदाय के लोगों को राज्य और केन्द्र द्वारा विश्वास में लिए जाने की मांग की है। पंडितों ने रविवार को राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया और उस 'नरसंहार' की जांच के लिए आयोग गठित करने का अनुरोध किया, जिसके कारण भारी पैमाने पर पंडितों ने घाटी से पलायन किया था।
 
जंतर-मंतर पर भारी संख्या में पहुंचे इस समुदाय के सदस्यों ने जम्मू-कश्मीर सरकार से घाटी में आतंकवाद फैलने के बाद कश्मीरी पंडितों की हत्या में शामिल सभी लोगों के खिलाफ अभियोजन पक्ष के मामलों को फिर से खोलने की मांग भी की।

काले रंग की टी-शर्ट पहने और बैंड लगाए कई प्रदर्शनकारियों ने हुर्रियत कांफ्रेन्स व अलगाववादी नेताओं के खिलाफ नारे लगाए और उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की। उन्होंने तख्तियों पर संविधान की धारा 370 को हटाए जाने की भी मांग की, जिसके तहत जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा दिया गया है।

जम्मू-कश्मीर विचार मंच के महासचिव मनोज भान ने बताया, 'केन्द्र या राज्य सरकारें जो कुछ भी निर्णय लेती हैं, उन्हें पहले कश्मीरी पंडितों से जरूर बात करनी चाहिए। कश्मीरी पंडितों से जुड़े मामलों में किसी अलगाववादी को हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।'

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उन्होंने कश्मीरी पंडितों के खिलाफ 'नरसंहार' को अंजाम देने वालों के खिलाफ जिम्मेदारी तय करने के लिए एक आयोग बनाए जाने की भी मांग की।