यह ख़बर 22 अगस्त, 2011 को प्रकाशित हुई थी

हमारा मकसद सरकार गिराना नहीं : केजरीवाल

खास बातें

  • केजरीवाल ने कहा कि उनका मकसद सरकार गिराना नहीं है और सरकार ने यदि राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखाई तो काम पूरा हो सकता है।
नई दिल्ली:

नई दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में प्रभावी लोकपाल की मांग को लेकर मंगलवार से ही अनशन पर बैठे सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के प्रमुख सहयोगी अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कहा कि उनका मकसद सरकार गिराना नहीं है और सरकार ने यदि राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखाई तो जन लोकपाल विधेयक पारित करने का काम पूरा हो सकता है। रामलीला मैदान में सोमवार सुबह पत्रकारों से बातचीत करते हुए केजरीवाल ने कहा, "हमारा मकसद सरकार गिराना नहीं है, यदि सरकार राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखाती है तो वह यह विधेयक पारित करवा सकती है।" रविवार शाम को अन्ना हजारे ने मंच से कहा था कि सरकार को या तो विधेयक लाना पड़ेगा या फिर उसे जाना पड़ेगा। इस बीच रामलीला मैदान में अन्ना का अनशन सातवें दिन भी जारी है। उनके स्वास्थ्य के बारे में केजरीवाल ने कहा, "अन्ना का वजन पांच किलोग्राम कम हुआ है। रक्त और पेशाब के नमूनों में थोड़ा संक्रमण है लेकिन उनकी हालत ठीक है।" केजरीवाल से संवाददाताओं ने जब यह पूछा कि खुफिया विभाग ने रिपोर्ट में कहा  है कि आज समर्थकों की तादाद और बढ़ सकती है और यदि ऐसा हुआ तो आप उससे कैसे निपटेंगे, तो उन्होंने कहा, "पूरी दुनिया देख रही है कि हमारा आंदोलन शांतिपूर्ण और अहिंसात्मक है और लोगों के जुड़ने से किसी तरह की अव्यवस्था नहीं फैलेगी।" केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली नगर निगम ने भी अपने काम में पहले से तेजी दिखाई है और इसके लिए हम उनका शुक्रिया अदा करते हैं। यहां की हालत पहले से बहुत बेहतर हुई है। दिल्ली पुलिस का शुक्रिया अदा करते हुए केजरीवाल ने कहा, "दिल्ली पुलिस के जवान समर्थकों के साथ काफी विनम्र तरीके से पेश आ रहे हैं इसलिए मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं।" केजरीवाल ने कहा कि अन्ना ने एक बार फिर अपील की है कि जनता अपने सांसदों के पास जाकर जन लोकपाल विधेयक पारित करवाने के लिए दबाव बनाए। सरकार के बातचीत के लिए तैयार होने सम्बंधी खबरों पर उन्होंने कहा, "हम कल से ही ऐसी बातें सुन रहें हैं कि सरकार बातचीत के लिए तैयार है लेकिन हमारे पास ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। यदि सरकार वाकई में बातचीत की इच्छुक है तो प्रधानमंत्री बताएं कि हम कब और कितने बजे किससे बात करें।" गौरतलब है कि अन्ना को 16 अगस्त को उस समय हिरासत में ले लिया गया था, जब वह अनशन के लिए जयप्रकाश नारायण पार्क जा रहे थे। बाद में उन्हें गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल भेज दिया गया था। जेल से छूटने के बाद वह शुक्रवार को रामलीला मैदान पहुंचे थे।


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