अरविंद केजरीवाल की फाइल फोटो
नई दिल्ली: जामिया मिलिया इस्लामिया को दी गई 22 एकड़ जमीन को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बीच हुई बैठक पर सुप्रीम कोर्ट ने संतुष्टि जताई है। इससे पहले कोर्ट ने फटकार लगाते हुए दोनों राज्यों को मामले का हल निकालने के लिए बैठक करने के निर्देश दिए थे।
बुधवार को हुई सुनवाई में यूपी सरकार के वकील आरपी मल्होत्रा ने कोर्ट को बताया कि दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बीच अच्छे माहौल में बातचीत हुई है और जल्द ही विवाद का हल निकलने की उम्मीद है।
सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले की सुनवाई जुलाई में करेगा। इससे पहले दिल्ली सचिवालय में सोमवार शाम सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर दोनों मुख्यमंत्रियों के बीच बैठक हुई थी।
यूपी की तरफ से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव और राजेंद्र चौधरी थे जबकि दिल्ली सरकार की तरफ से सीएम अरविंद केजरीवाल, उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया और मुख्य सचिव के के शर्मा थे।
जानकारी के मुताबिक, यूपी सरकार ने जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के विस्तार के लिए भूमि देने पर सांकेतिक सहमति दे दी और तय हुआ कि दोनों राज्यों के अधिकारी मिलकर सर्वे करेंगे।
उसी सर्वे के आधार पर यूपी सिचांई विभाग की ज़मीन दी जाएगी। दरअसल, 2011 में दिल्ली सरकार ने जामिया के लिए 22 एकड़ जमीन अधिग्रहीत की थी लेकिन बाद में यूपी सरकार ने इस जमीन पर अपना दावा ठोंक दिया।
2014 में यूपी सरकार इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई थी। यूपी सरकार ने पिछले हफ्ते कोर्ट में दाखिल हलफनामे में कहा था कि दिल्ली सरकार इस मसले पर सहयोग नहीं कर रही है।