कोझीकोड: केरल के कोझीकोड में एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी को धार्मिक मान्यताओं के चलते अपने नवजात पुत्र को 24 घंटे तक दूध नहीं पिलाने दिया. अस्पताल में जच्चा-बच्चा के साथ मौजूद अबू बकर नामक इस व्यक्ति का कहना था कि उसके बेटे को पहली बार दूध तब मिलेगा, जब वह मस्जिद से आने वाली अज़ान की आवाज़ सुन लेगा.
जब डॉक्टरों और पुलिस ने कहा कि उसे इस तरह अपने बच्चे को खतरे में डालने की इजाज़त नहीं दी जा सकती, अबू बकर अपनी पत्नी और पुत्र को लेकर अस्पताल से चला गया. अब तक यह पता नहीं चल पाया है कि वे लोग कहां हैं.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की जिला इकाई के सदस्य डॉक्टर शाजी सीके ने कहा, "पिता (अबू बकर) ने दावा किया था कि वह अपने बेटे को तभी दूध पीने देगा, जब वह पांच अज़ान सुन लेगा, जिनके लिए 24 घंटे लगते हैं..."
डॉक्टरों ने अबू बकर से कहा कि उसकी यह मांग नहीं मानी जा सकती, और यह बच्चे के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है. डॉ शाजी ने कहा, "नवजात को हर दो घंटे में दूध पिलाया जाना चाहिए, ताकि उसकी जान को कोई खतरा न हो..." लेकिन इसके बावजूद अबू बकर अपनी ज़िद पर अड़ा रहा.
पुलिस और डॉक्टरों ने अबू बकर को समझाने की भी कोशिश की कि वह मेडिकल कॉलेड चला जाए. वह अपनी पत्नी और बच्चे को लेकर चला गया, लेकिन वह मेडिकल कॉलेज ले जाने के स्थान पर उन्हें किसी अज्ञात जगह पर ले गया.