यह ख़बर 31 जनवरी, 2011 को प्रकाशित हुई थी

करमापा मामले में होटल मालिक, प्रबंधक को पुलिस हिरासत

खास बातें

  • करमापा मामले में अदालत ने एक होटल मालिक और हरियाणा के एक बैंक प्रबंधक को पांच फरवरी तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है।
धर्मशाला:

तिब्बती धर्मगुरु 17वे करमापा उग्येन त्रिनले दोरजी के मठ से लगभग सात करोड़ रुपये विदेशी और देशी मुद्रा की बरामदगी के मामले में ऊना की एक अदालत ने धर्मशाला के एक होटल मालिक और हरियाणा के एक बैंक प्रबंधक को पांच फरवरी तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है। राज्य के पुलिस महानिरीक्षक पीएल ठाकुर ने कहा, "होटल मालिक केपी भारद्वाज और अम्बाला कार्पोरेशन बैंक के प्रबंधक डीके धर को ऊना की एक अदालत ने रविवार रात को पांच फरवरी तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया।" ठाकुर ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के मेहतपुर में भारद्वाज के दो कर्मचारियों के पास से 25 जनवरी को एक करोड़ रुपये की नकदी बरामद होने के बाद उसे शनिवार को गिरफ्तार किया गया था। भारद्वाज ने दावा किया है कि बरामद किए गए एक करोड़ रुपये करमापा मठ ने कांगडा जिले में धर्मशाला के निकट एक जमीन खरीदने के लिए दिए थे। पुलिस ने 28 जनवरी को करमापा से भी पूछताछ की थी। पुलिस ने भारद्वाज के लिए कथित तौर पर एक करोड़ रुपये की व्यवस्था करने वाले धर को भी शनिवार को ही गिरफ्तार किया था। धर पर आरोप है कि उसने जाली दस्तावेज तैयार किए और उसी के आधार पर भारद्वाज के कर्मचारी एक करोड़ की राशि दिल्ली से धर्मशाला ला रहे थे। सभी आरोपों को खारिज करते हुए करमापा ने रविवार को जांच एजेंसियों को बताया कि छापेमारी के दौरान जो मुद्रा मठ से बरामद की गई थी वह श्रद्धालुओं ने दान में दी थी और उन्होंने भारतीय हितों को नुकसान पहुंचाने के लिए कुछ नहीं किया। करमापा के वकील नरेश माथुर ने रविवार को यहां संवाददाताओं को बताया कि मठ ने एक जमीन विक्रेता को दिल्ली में एक करोड़ रुपये नकद और 75 लाख रुपये चैक के तहत अदा किए थे। उन्होंने कहा कि यह पैसे आयकर विभाग के नियमों के तहत ही अदा किए गए। गौरतलब है कि करमापा जनवरी 2000 में तिब्बत से भारत आए थे। तब से लेकर अब तक वह ज्यादातर धर्मशाला के सिद्धबारी मठ में रहते रहे हैं।


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