मुंबई: ठाणे ट्रैफिक पुलिस के सिपाही जुबेर तंबोली छुट्टी लेकर अपने घर पुणे जा रहे थे। तभी ठाणे रेलवे स्टेशन पर उनकी नजर एक ऐसे शख्स पर पड़ी जो एक छोटी बच्ची के साथ था। तंबोली ने तुरंत अपने मोबाईल मे व्हाट्सऐप पर नजर दौड़ाई और अगले ही पल वो शख्स पुलिस के कब्जे में था।
सोशल साईट के दुरूपयोग की अक्सर शिकायतें आती हैं, लेकिन कभी-कभी ये कितनी मददगार साबित होती है। इसकी ताजा मिसाल है मुंबई में पंत नगर की ये कहानी।
हुआ ये कि 5 दिनों से धक्के खा रही मुंबई पुलिस को 7 साल की एक बच्ची का सुराग नहीं मिल रहा था। सीसीटीवी से अपहर्ता की तस्वीर तो मिल गई लेकिन उसका कोई अता पता नही चल रहा था। थक हार कर पुलिस ने बच्ची के साथ उसकी तस्वीर पुलिस के अलग-अलग व्हाट्सऐप ग्रुप पर पोस्ट करने का फैसला लिया।
इलाके के डीसीपी विनय राठौड़ के मुताबिक व्हाट्सऐप पर दोनों की तस्वीर के साथ सिर्फ उतनी ही जानकारी दी गई जो जरूरी थी। इस बात की पूरी सावधानी बरती गई थी कि अपर्हता बच्ची को कोई नुकसान ना हो। व्हाट्सऐप का ये वीडियो कुछ देर में ही वायरल हो गया।
नतीजा ठाणे रेलवे स्टेशन पर छुट्टी लेकर अपने घर पुणे जा रहे ट्रैफिक पुलिस के सिपाही जुबेर तबोली की दोनों पर नजर पड़ गई। सोशल साईट ने तो अपना काम कर दिया। लेकिन ये गुत्थी अब भी उलझी हुई है कि आरोपी राम प्रजापति ने 7 साल की मासूम का अपहरण क्यों किया था? पता चला है कि अपहर्ता भी पहले उसी इलाके में रहता था इसलिये कहीं ये आपसी रंजिश का नतिजा तो नही?