खास बातें
- हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता अदालत ने किशनगंगा पनबिजली परियोजना से पानी का मार्ग बदलने के भारत के अधिकार को बरकरार रखा है।
नई दिल्ली: हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता अदालत ने किशनगंगा पनबिजली परियोजना से पानी का मार्ग बदलने के भारत के अधिकार को बरकरार रखा है। तीन हज़ार छह सौ करोड़ के हाइड्रो पॉवर प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है।
इस घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा, हेग स्थित मध्यस्थता अदालत के फैसले ने किशनगंगा पनबिजली परियोजना के संबंध में पानी का रुख मोड़ने की अनुमति देकर भारत के रुख की वैधता की आज दोबारा पुष्टि की। उन्होंने कहा, यह एक बार फिर रेखांकित करता है कि भारत सिंधु जल समझौते का पालन कर रहा है। प्रवक्ता ने यह भी कहा कि फैसले के विवरणों का अध्ययन किया जा रहा है।
पाकिस्तान कश्मीर में किशनगंगा नदी पर पनबिजली परियोजना के निर्माण का विरोध कर रहा है। पाकिस्तान में प्रवेश करने पर यह नदी नीलम के नाम से जानी जाती है।