यह ख़बर 16 अक्टूबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

फिर टला कुडनकुलम परमाणु संयंत्र से बिजली उत्पादन

चेन्नई:

देश के परमाणु ऊर्जा संयंत्र संचालक 'भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड' (एनपीसीआईएल) ने उम्मीद जताई है कि कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा परियोजना (केएनपीपी) की 1,000 मेगावाट क्षमता वाली पहली इकाई से अगले महीने बिजली का उत्पादन हो सकेगा।

इस परियोजना का विरोध कर रहे संगठन 'पीपुल्स मूवमेंट अगेंस्ट न्यूक्लीयर एनर्जी' (पीएमएएनई) ने संयंत्र में निष्क्रिय इकाइयों को बंद करने की मांग की है।

पीएमएएनई ने 20 अक्टूबर को धरना-प्रदर्शन करने का आह्वान भी किया है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह उसी दिन रूस के लिए रवाना होंगे, जहां वह रूस से दो अतिरिक्त रिएक्टरों के लिए समझौता करेंगे।

एनपीसीआईएल के अनुसार, पहली इकाई के वाणिज्यिक संचालन की संभावित तारीख नवंबर, 2013 है, तथा सितंबर 2013 तक संयंत्र का निर्माण कार्य 99.76 फीसदी पूरा हो चुका था।

राज्य के तिरुनेलवेली जिले में कुडनकुलम में एनपीसीआईएल ने रूस से मंगवाए गए 1,000 मेगावाट क्षमता के दो रिएक्टर स्थापित किए हैं। इस परियोजना पर लगभग 17,000 करोड़ रुपयों की लागत आई है।

केएनपीपी भारत का पहला 'प्रेसराइज्ड वाटर रिएक्टर' है, तथा लाइट वाटर रिएक्टरों की श्रेणी में आता है।

इससे पहले एनपीसीआईएल ने कहा था कि वह पहली इकाई को अगस्त के आखिर तक 400 मेगावाट बिजली का उत्पादन करने वाले ग्रिड से जोड़ देंगे। लेकिन कंडेंसर वाल्व में खराबी आ जाने के कारण ऐसा नहीं हो सका।

सूत्रों ने बताया कि इकाई में आई पुरानी समस्या को बहुत पहले ही सुलझा लिया गया था, तथा वर्तमान समस्या का उससे कोई संबंध नहीं है।

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सूत्रों के अनुसार, बिजली उत्पादन के लिए टरबाइन को घुमाने के लिए पर्याप्त दबाव नहीं बन पा रहा है।