यह ख़बर 10 अगस्त, 2011 को प्रकाशित हुई थी

लालकिले पर हमला : अशफाक की फांसी बरकरार

खास बातें

  • हमला वर्ष 2000 में हुआ था, जिसमें दो जवानों तथा एक आम नागरिक के साथ-साथ एक आतंकवादी भी मारा गया था।
New Delhi:

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के लालकिले पर हुए आतंकवादी हमले के मामले में फ़ैसला सुनाते हुए तीस हज़ारी अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए अशफाक को फांसी की सज़ा सुनाई है। हमला सितंबर में हुआ था, जिसमें दो जवानों के साथ एक आम नागरिक की मौत हो गई थी, तथा एक आतंकवादी भी मारा गया था। मामले में दिल्ली पुलिस ने 21 लोगों को आरोपी बनाया था, जिनमें से आठ को कभी पकड़ा ही नहीं जा सका। वर्ष 2005 में दिल्ली की तीस हज़ारी अदालत ने सात आरोपियों को दोषी करार दिया था, और छह को बरी कर दिया था। हमले के मुख्य आरोपी और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी अशफ़ाक को फांसी की सज़ा दी गई थी। सज़ा के ख़िलाफ़ अशफ़ाक ने अपील की थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को फैसला सुनाया।


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