यह ख़बर 17 अप्रैल, 2013 को प्रकाशित हुई थी

लेफ्ट के कार्यकर्ता को अस्पताल में चेन से बांधकर रखा

खास बातें

  • सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से झड़प के बाद गिरफ्तार किए गए माकपा छात्र संगठन के एक नेता को न्यायिक हिरासत में एक सरकारी अस्पताल में उसके बिस्तर पर जंजीर से बांधा गया, जिससे विवाद खड़ा हो गया है।
कोलकाता:

सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से झड़प के बाद गिरफ्तार किए गए माकपा छात्र संगठन के एक नेता को न्यायिक हिरासत में एक सरकारी अस्पताल में उसके बिस्तर पर जंजीर से बांधा गया, जिससे विवाद खड़ा हो गया है।

एसएफआई से जुड़े प्रथम वर्ष के छात्र संतोष साहनी को सिलीगुड़ी में तृणमूल कांग्रेस और वामदल के समर्थकों के बीच झड़प के बाद 10 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था।

सूत्रों ने बताया कि कार्यकर्ताओं द्वारा कथित मानवाधिकार उल्लंघन को लेकर हंगामा मचाने के बाद जंजीर को हटाया गया।

उत्तर बंगाल विकास मंत्री गौतम देब ने दावा किया कि छात्र को जंजीर से बांधे जाने की उन्हें जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने जब मामले को मेरी जानकारी में लाया तो मैंने अस्पताल के अधीक्षक और जेल अधिकारियों को जंजीर हटाने का निर्देश दिया।

छात्र मंगलवार को न्यायिक हिरासत में बीमार पड़ गया और उसे सिलीगुड़ी के पास उत्तरी बंगाल मेडिकल कालेज एवं अस्पताल में भर्ती कराया गया।

इससे पहले पुलिस आयुक्त अनंत कुमार ने पीटीआई से कहा कि वह न्यायिक हिरासत में है इसलिए इसका जवाब जेल अधिकारियों को देना है। पुलिस का इससे कोई लेना देना नहीं है।

माकपा नेता अशोक भट्टाचार्य दिन में साहनी से मिलने गए और उन्होंने उसे बिस्तर पर जंजीर से बंधा पाया। एसएफआई नेता के बिस्तर पर जंजीर से बंधे होने के फुटेज टेलीविजन पर दिखाए गए। वाममोर्चा प्रमुख बिमान बोस ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार का दावा है कि यह मानवीय चेहरे वाली सरकार है लेकिन बंगाल में मानवाधिकारों की स्थिति आपातकाल के दिनों से भी बदतर है।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष प्रदीप भट्टाचार्य ने कहा कि घटना निंदनीय है। ऐसा नहीं होना चाहिए था। मानवाधिकार कार्यकर्ता सुजातो भद्रो ने कहा कि यह मानवाधिकारों का बड़ा उल्लंघन है।