यह ख़बर 04 फ़रवरी, 2013 को प्रकाशित हुई थी

वामपंथियों को गरीबों के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए : अमर्त्य

खास बातें

  • नोबल पुरस्कार से सम्मानित अमर्त्य सेन ने रविवार को वामपंथी पार्टियों से अपील की कि वे खाद्य सुरक्षा एवं एलपीजी मूल्य में वृद्धि के मुद्दों के अलावा खुले में शौच एवं निर्धनतम लोगों की अन्य मूलभूत जरूरतों के मुद्दे उठाएं।
कोलकाता:

नोबल पुरस्कार से सम्मानित अमर्त्य सेन ने रविवार को वामपंथी पार्टियों से अपील की कि वे खाद्य सुरक्षा एवं एलपीजी मूल्य में वृद्धि के मुद्दों के अलावा खुले में शौच एवं निर्धनतम लोगों की अन्य मूलभूत जरूरतों के मुद्दे उठाएं।

कोलकाता साहित्य उत्सव के एक सत्र में सेन ने कहा, ‘‘मुझ पर कभी-कभार वामपंथी पार्टियों की आलोचना का आरोप लगता है। मैं तब क्षुब्ध होता हूं जब वे एलपीजी के मूल्यों में बढ़ोतरी एवं अन्य मुद्दों के पीछे भागते हैं। ये मध्य वर्ग के मुद्दे हैं। लेकिन निर्धनतम लोगों के मुद्दों का क्या?’’

उन्होंने यह भी कहा कि जब पिछले साल अखबारों में उत्तर भारत के बड़े हिस्से में बिजली गुल की सुखिर्यां भरी पड़ी थी तब किसी ने इस तथ्य की ओर ध्यान नहीं दिया कि जनसंख्या के एक तिहाई हिस्से के लिए केवल उसी रात नहीं बल्कि रोज की वास्तविकता है।

उन्होंने कहा कि भारत में 48 फीसदी घरों में शौचालय नहीं है और लोग खुले में शौच में जाते हैं। चीन में यह एक फीसदी है जबकि बांग्लादेश में 9-10 फीसदी है।

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इससे पहले भी कई मौकों पर सेन ने खुले में शौच करने और बाल कुपोषण के मुद्दे को उठाया है। उन्होंने कहा कि खुले में शौच के खात्मे के मामले में बांग्लादेश भारत से काफी आगे है।