यह ख़बर 19 नवंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

लेफ्ट से हाथ मिलाने के लिए ममता की 'हां', येचुरी ने की 'न'

नई दिल्ली:

पश्चिम बंगाल में नया मोर्चा बनने की तैयारी है। एनडीटीवी को दिए ममता बनर्जी के इंटरव्यू से तो यही संकेत मिल रहे हैं। ममता बनर्जी ने कहा है कि देश में सांप्रदायिक ताकतों के प्रभाव को रोकने के लिए वह लेफ्ट से हाथ मिलाने को तैयार हैं हालांकि वामदलों ने साफ किया है कि वे किसी भी सूरत में ममता के साथ हाथ नहीं मिलाएंगे।

सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि देश में सांप्रदायिक ताकतों को आधार बढ़ाने का मौका ममता और कांग्रेस ने ही दिया है और अब जब इन दोनों दलों की जमीन खिसक रही है तो गठबंधन की बातें की जा रही हैं। येचुरी ने कहा कि जो बंगाल के मौजूदा हालात हैं, उनके लिए सिर्फ और सिर्फ ममता सरकार ही जिम्मेदार है और उनकी गलत नीतियों के चलते ही राज्य में सांप्रदायिकता बढ़ी।

दरअसल, एनडीटीवी से बात करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा, 'जो भी इस देश की शांति के लिए काम करेगा, मैं उसके साथ हूं।' हालांकि इसके साथ ही उन्होंने संकेत दिए कि इसकी जिम्मेदारी कांग्रेस पर है (जो सबसे बड़ी गैर भाजपा पार्टी है) कि वह 'धर्मनिरपेक्ष' दलों का गठबंधन बनाए।

एनडीटीवी ने जब ममता से पूछा कि अगर कांग्रेस इस तरह का गठबंधन बनाती है तो क्या वह उसमें शामिल होंगी। इस पर उन्होंने कहा, 'उन्हें निर्णय करने दीजिए.. उन्हें आमंत्रित करने दीजिए।' पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा, 'लेकिन मैं आपको बताती हूं कि मेरी तरफ से कोई समस्या नहीं है। देश के हित में, देश में शांति के लिए, देश में स्थिरता के लिए.. मैं उनके साथ रहूंगी।'

गौरतलब है कि भाजपा पश्चिम बंगाल में काफी तेजी से उभर रही है और वामदलों ने उन पर (ममता पर) 'अल्पसंख्यक कट्टरतावाद' के आरोप लगाए, जिससे राज्य में भगवा दल का रास्ता खुल रहा है।

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भाजपा पर परोक्ष रूप से हमला करते हुए ममता ने कहा कि उनके राज्य में कोई सांप्रदायिक तनाव पैदा करने का प्रयास कर रहा है, लेकिन उनकी सरकार इससे निपट लेगी।