हाईकोर्ट कहे तो व्यापमं घोटाले की सीबीआई जांच को तैयार मध्य प्रदेश सरकार

हाईकोर्ट कहे तो व्यापमं घोटाले की सीबीआई जांच को तैयार मध्य प्रदेश सरकार

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान

भोपाल:

मध्य प्रदेश सरकार ने कहा है कि यदि हाईकोर्ट कहे तो वह व्यापमं घोटाले की सीबीआई जांच के लिए तैयार है। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने इस बात की ओर इशारा किया है। फिलहाल इस मामले की जांच हाईकोर्ट के निगरानी में एसआईटी कर रही है।

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस पार्टी ने रविवार को मांग की थी कि मध्य प्रदेश के व्यापमं घोटाले की जांच सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) से कराई जानी चाहिए। पार्टी ने कहा कि इस मामले की निष्पक्ष और अच्छी तरह से जांच करने की आवश्यकता है। अभी तक इस मामले से जुड़े 40 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

कांग्रेस पार्टी ने रविवार को मांग की कि मध्य प्रदेश के व्यापमं घोटाले की जांच सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) से कराई जानी चाहिए। पार्टी ने कहा कि इस मामले की निष्पक्ष और अच्छी तरह से जांच करने की आवश्यकता है। अभी तक इस मामले से जुड़े 40 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

बता दें कि 2008 से 2013 के बीच प्री मेडिकल टेस्ट में चुने गए 2200 डॉक्टर और अन्य संदिग्ध बताये जाते हैं। इस मामले में करीब 3000 लोग आरोपी बनाए गए हैं। इनमें छात्र, मां-बाप, राजनेता, बिजनेसमैन और दलाल टाइप के उच्च कोटी के लोग शामिल हैं। करीब 1700 गिरफ्तार हुए हैं जिनमें से कुछ ज़मानत पर हैं तो कुछ जेल में हैं। बड़ी संख्या में छात्र जेल में हैं और अभी भी करीब 500 लोग फ़रार बताये जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा में स्वीकार किया है कि 1000 भर्तियां अवैध हुईं हैं। इस मामले में कई मंत्री, आईपीएस, राज्य पुलिस अधिकारी, राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के नेताओं के करीबी, यहां तक कि कांग्रेसी नेताओं के नाम भी आरोपी और लाभार्थी के रूप में लिये जाते हैं।

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व्हीसल ब्लोअर आनंद राय का दावा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के करीबी डॉक्टर अजय मेहता भी आरोपी हैं जिन्हें राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त था। सीएम के ओएसडी प्रेम प्रसाद और उनकी बेटी भी आरोपी हैं। अग्रिम ज़मानत मिल गई है पर सरकार ने विरोध नहीं किया। राज्य मंत्री गुलाब सिंह किरार और उनके बेटे शक्ति प्रताप सिंह आरोपी हैं। शक्ति का मेडिकल में चौथा रैंक था। इनके खिलाफ जुलाई 2014 में एफआईआर हुई लेकिन अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई है। व्यापम के परीक्षा नियंत्रक सुधीर सिंह भदौरिया भी गिरफ्तार नहीं हुए हैं। ये भी केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के करीबी बताये जाते हैं। भदौरिया अभी भी इंदौर के सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज के निदेशक के पद पर हैं।